फारुख हुसैन
लखीमपुर (खीरी)। एक तरफ जहां सरकार पर्यावरण की समस्या को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है और यही नहीं हर साल करोड़ों की तादाद में पेड़ लगाने का दावा भी किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी जिले में लकड़कट्टों की नजर अब इन हरे भरे पेड़ों पर जम गई है। वह संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार हरे पेड़ों पर आरा चलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का कार्य करने में जुटे हुए हैं।
कुछ ऐसा ही एक मामला लखीमपुर खीरी जिले के भीरा रेंज के हजारा बाग से जुड़ा है। यहां पर हजारों की संख्या में लगे आम के पेड़ अब पर्यावरण के दुश्मनों पर निशाने पर आ गए हैं। जिसमें अभी तक सैकड़ों की तादात में हरे भरे पेड़ काट दिए गए हैं। यह सिलसिला लगातार जारी भी है। इस बात की जानकारी होने पर भी ना ही वन विभाग और ना ही पुलिस मामले में कार्रवाई करती नजर आ रही है।
वन विभाग के रेंज से जुड़े अधिकारी उसे कानूनन जायज बता रहे हैं साथ में निकासी के लिए लगातार संबंधित ठेकेदार द्वारा परमिशन दिए जाने की बात कह रहे हैं। इतनी बड़ी तादाद में पेड़ काटे जाने से पर्यावरण प्रेमियों में काफी रोष व्याप्त हो गया है। पूरे मामले में वन विभाग की माने तो किसान द्वारा उनको एक शपथ पत्र दिया गया है। जिसमें उसने अपनी पुरानी कलमी बाग के स्थान पर नई बाग लगाने की बात कही है। कलमी आम की बाग काटने के लिए वन विभाग से किसी भी परमिट की जरूरत नहीं है।
अब सवाल ये उठता है कि स्वभाविक है इतनी बड़ी तादाद में हरे पेड़ों पर लकड़ कट्टों के द्वारा आरा चलाया जा रहा है, उसमें कहीं ना कहीं शक नजर आ रहा है। यदि इसकी जांच की जाए तो एक बड़ा राज खुल कर सामने आ सकता है। वही एक बात पर लगातार प्रश्नचिन्ह खड़ा होता नजर आ रहा है कि जिस तरह से जिले में लकड़ कट्टों के द्वारा हरे पेड़ों पर आरा चलाया जा रहा है और संबंधित अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं या कहीं ना कहीं उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह छोड़ता नजर आ रहा है।
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