तारिक़ खान
नई दिल्ली: डॉ कफील खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नही ले रही है। महीनो तक जेल में गुज़ारने के बाद फरवरी में जब उनको ज़मानत मिली तो उसी समय उनके ऊपर एनएसए लगा दिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट ने डॉ कफील को ज़मानत दिया, मथुरा जेल से रिहा होने के बाद डॉ कफील की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है।
अब सुप्रीम कोर्ट की याचिका में यूपी सरकार ने आरोप लगाया है कि डॉ खान का अपराध करने का इतिहास रहा है, जिसके कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई, सेवा से निलंबन, पुलिस मामलों का पंजीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए। गोरखपुर के डॉक्टर को 29 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। जबकि उन पर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए पहली बार आरोप लगाया गया था, इस साल 10 फरवरी को जमानत दिए जाने के बाद एनएसए के तहत आरोप लगाए गए थे।
डॉ0 खान को मथुरा की एक जेल से रिहा किए जाने के बाद, उन्होंने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहेंगे कि वह उन्हें राज्य चिकित्सा सेवाओं में नौकरी दे दें। सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण 2017 में कई बच्चों की मौत के बाद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। एक विभागीय जांच ने बाद में डॉ खान पर अधिकांश आरोपों से बरी हो गए, लेकिन उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून के तहत अलीगढ़ में कथित रूप से भड़काऊ भाषण के लिए खुद को मुसीबत में पाया।
तारिक़ आज़मी डेस्क: घर में काम करने वाली मेड से लेकर हाई प्रोफाइल महिलाओं से…
तारिक खान डेस्क: आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया है कि…
ईदुल अमीन डेस्क: कर्णाटक के पूर्व सीएम कुमारास्वामी के भतीजे सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित…
आदिल अहमद डेस्क: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप मामले में मुंबई पुलिस ने…
आफताब फारुकी डेस्क: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा भाजपा नेताओं के बयानों को आधार…
शफी उस्मानी डेस्क: बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद पर उत्तर प्रदेश के…