तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी पुलिस द्वारा शहर का पहला शांति भंग का चालान और वाहन सीज की कार्यवाही भेलूपुर पुलिस के नाम रही। इस कार्यवाही को वैसे तो रईसजादो पर किये गए बड़ी कार्यवाही के तौर पर लोग देख सकते है। जिले के कप्तान ने खुद इस मामले को संज्ञान लिया। मामला थोडा हाईटेक रहा, मगर प्रकरण के अन्दर की कहानी कुछ और ही रही। रईसजादो को छुडवाने में सफेदपोशो से कही ज्यादा भोर होने तक खाकी वर्दीधारी लोगो को मशक्कत करते देखा गया।
ईको पर वारलेस होने के बाद हरकत में आई वाराणसी पुलिस के सिगरा को सफलता मिली और इस काली फर्च्युनर जिसके शीशे पर भी काली फिल्म थी को धर दबोचा। गाडी का दरवाज़ा खुलता है तो देख कर गाडी रोकने वाले पुलिस वाले भी आवक रह जाते है। एक बाहुबली के काफी करीबी समझे जाने वाले एक बड़े सपा नेता का पुत्र गाडी चला रहा था। गाडी पकडे जाने की सुचना वारलेस पर प्रसारित हो जाती है। इसी दरमियान एक एक पल की जिले की गतिविधि पर नज़र रखे कप्तान अमित पाठक ने तत्काल ही गाडी को पकड़ने वाले सिगरा के एसआई को दस हज़ार इनाम की घोषणा कर डाला।
कलमकारों की बाइक उस वाहन को देखने के लिए सिगरा का रुख कर चुकी थी। रात घनी हो चुकी थी। मगर सिगरा थाने पर खासी चहलकदमी दिखाई दे रही थी। देखा गया कि अचानक ही कुछ और गाड़ियाँ आकर सिगरा रूकती है। कप्तान साहब चाहे तो हमारी बातो की पुष्टि आसपास के कैमरों से कर सकते है। हडकंप की स्थिति दिखाई देती है और सपा के नेता जी का आगमन थाने पर हो चूका होता है। सिगरा पुलिस को इनाम की राशि तो घोषित हो चुकी थी मगर आनाकानी कागज़ी कार्यवाही में जारी रही। देर रात ढलने को थी। आखिर काफी देर तक हीलाहवाली जारी रही और सपा नेता द्वारा अपने सम्बन्धो का खूब फायदा भी दिखाई दे रहा था।
आखिर सिगरा पुलिस ने काफी देर तक कार्यवाही में हीलाहवाली किया और फिर गेंद भेलूपुर थाने के पाले में चली गई। भेलूपुर की पुलिस टीम ने आकर गाडी को और पकडे गए लडको को अपने सुपुर्द लिया। जिसके बाद भेलूपुर थाने ले जाकर गाडी सीज किया गया और सभी युवको का शांति भंग में चालान किया गया। सूत्र बताते है कि युवकों की पैरवी के लिए विभाग के काफी फोन भी भेलूपुर पुलिस के पास बजे। मगर कप्तान की जानकारी और कप्तान की निष्पक्षता के आगे सभी विवश थे।
बहरहाल, जिले का वर्ष 2021 का पहला शांतिभंग का चालान और वाहन सीज की कार्यवाही काफी ड्रामेटिक रही। वही पुलिस कप्तान की निष्पक्ष कार्यवाही की तारीफ आम जनता करती दिखाई दे रही है। अब बात ये है कि इनाम राशि पाने वाली सिगरा पुलिस आखिर किस वजह से संकोच कर रही थी इन युवको और गाडी पर कार्यवाही के लिए ? आखिर देर रात सपा नेता की कुछ पुलिस वाले इतनी आवभगत क्यों कर रहे थे ? क्या नियम नेता जी के लिए नही था ? नेता का पुत्र है, अमीर है तो क्या नियम उसके खातिर नही बना है ? आखिर क्यों इतनी फोन पर खाकी मेहनत कर रही थी कि पकडे गए युवको को थोडा राहत मिल जाए ?
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