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किस्सा गैग आफ बादशाह अली एंड राशिद खान – हम ही नहीं बल्कि पूरा दालमंडी कहता है इस बात को, देख ले सबूत

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र से संचालित एक गैग जो लोगो पर झूठे रेप और पाक्सो जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाता है के सम्बन्ध में हम आपको पिछले कुछ दिनों से साक्ष्यो के सहित समाचार प्रदान कर रहे है। इस गैंग का नेटवर्क केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि झारखण्ड प्रदेश तक में फैला हुआ है। इस गैंग द्वारा झारखण्ड राज्य में एक भाजपा नेता पर भी ऐसा ही घिनौना आरोप लगवाया गया था जिसमे बतौर गवाह वाराणसी जनपद से सटे पडाव तक के तीन लोग थे। ये मामला अदालत में विचाराधीन है इस कारण हम अदालत का सम्मान करते हुवे इस प्रकरण में कुछ भी नहीं कहेगे।

इसी तरफ का एक मामला वाराणसी के आदमपुर थाने में वर्ष 2019 को दर्ज हुआ था जिसका अपराध संख्या 66/19 था। इस ऍफ़आईआर में एक युवक को नामज़द करते हुवे रेप और पाक्सो जैसे गंभीर आरोप लगाये गए थे। तत्कालीन इस केस के विवेचक ने इस मामले में फ़ाइनल रिपोर्ट जमा कर दिया था। मगर इस गैंग ने इस रिपोर्ट को चैलेन्ज करते हुवे अदालत से पुनः विवेचना का आदेश करवा लिया था। इस दरमियान हमारी मुलाकात इस मामले की वादिनी मुकदमा से हुई तो उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुवे कहा था कि राशिद खान के दबाव में आकर उनसे ये झूठा केस दर्ज करवाया था। देखे वीडियो में वादिनी का क्या बयान रहा है।

इस खुलासे के बाद एक काफी पुरानी गन्दगी को हमने जब साफ़ करना शुरू किया तो ज़ाहिर सी बात है कि छींटे तो हमारे ऊपर पड़ेगे ही। एक बड़े और दुर्दांत बिल्डर के कथित संरक्षण में चलने वाले गैंग ने हमारे मुखालिफ खूब झूठा और अनर्गल बयान देना शुरू कर दिया। हमने सभी सबूतों के साथ फिर से अपना समाचार प्रकाशित करना जारी रखा हुआ है। शायद गैग आफ बादशाह अली एंड राशिद खान को लगता है कि उनके आरोपों से हम डर जायेगे अथवा उनके संरक्षणदाता बिल्डर के पास रखी हुई बन्दूको से हम डर जायेगे तो वो गलत है। हम कौन सा यहाँ अमृत का घडा पीकर ये है। आज नही कल मरना ही है तो फिर डरने की क्या ज़रूरत है। वैसे भी इन चालबाजो और इनके आका बिल्डर को शायद ये नही मालूम की इनके आका के भी आका बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी से भी हम डरने वाले नही। हम उसके भी खिलाफ खबर लिख चुके है। वैसे भी पत्रकारिता करना है तो ऐसे लोगो से डर कर कोई नहीं कर सकता है।

बहरहाल, हम मुद्दे पर कायम रहते है। आज हमारे एक सूत्र से इस गैंग के सरगना कचहरी परिसर में मिल गए। उन्होंने हमारे सूत्र को काफी कुछ समझाने की कोशिश किया कि उनका राशिद खान से किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नही है। हम तो समाजवादी नेता है। तो भाई एक बात बताये पहले कि क्या समाजवादी नेता होना अपराधी नही होने का प्रमाणपत्र है क्या ? क्योकि अगर ये प्रमाण पत्र है तो फिर आज़म खान के ऊपर दर्जनों से अधिक अपराधिक मामले दर्ज है और काफी कद्दावर समाजवादी नेता में गिने जाते है। वही अतीक अहमद का नाम सुना होगा। अरे वही अतीक अहमद जो कभी सपा के नेता रहा करते थे और एक दुर्दांत बाहुबली तथा बड़े अपराधिक मामले में जेल में बंद है। क्या वह अपराधी की श्रेणी में नहीं आएगा क्योकि वह सपा नेता है ?

खैर कहने में क्या हर्ज है मियाँ, कुछ भी कह डालो कोई कहने पर टैक्स है क्या। रही बात शब्द गैंग आफ बादशाह अली एंड राशिद खान की तो ये सिर्फ हम नही कह रहे है कई वर्षो से पूरा दालमंडी कह रहा है। यकीन नही होता तो ये देखे आप इसका सबूत –

देखे साहब गौर से ये पत्र वर्ष 2016 का लिखा हुआ है जिसमे क्षेत्र के काफी सम्भ्रांत नागरिको और व्यापारियों के अलावा समाजसेवको ने भी अपने हस्ताक्षर किये है कि बादशाह अली और राशिद खाना के द्वारा अपराधिक कृत्य कारित करते हुवे क्षेत्र में जुआ आदि अपराध करवाया जाता है। आपत्ति करने पर उनके साथ महिलाये आकर छेड़खानी और अन्य महिला सम्बन्धित अपराधो का आरोप लगाने लगती है। तनिक गौर से देखे हजूर, इसमें वह व्यक्ति भी हस्ताक्षर किया है जिससे अभी बड़ी गहरी दोस्ती है।

इसके अलावा एक और पत्र आप लोगो के नजर-ए-इनायत कर रहा हु। इस पत्र को भी गौर से पढ़े। क्षेत्र के काफी लोगो ने हस्ताक्षर करके सम्बन्धित अधिकारी को दिया है कि इस गैंग के द्वारा महिला उत्पीडन से सम्बन्धित झूठे शिकायती पत्र देकर और झूठा आरोप लगा कर अवैध धन उगाही किया जाता है। ये आरोप और कोई नही बल्कि क्षेत्र के प्रतिनिधि और पार्षद मोहम्मद सलीम के खुद के हस्ताक्षर से उनके लेटर पेड पर जारी किया गया है। जिस पर क्षेत्र के निवासी कई अन्य नागरिको ने भी अपने हस्ताक्षर किये है। जरा गौर से देखे इस पत्र को।

तो आप खुद समझ ले, ये शब्द “गैंग आफ बादशाह अली एंड राशिद खान” हम नही बल्कि पूरा दालमंडी कह रहा है। इस गैग के क्रियाकलापों को जगजाहिर मैं कर रहा हु तो एक शब्द इसमें किस्सा जोड़ दिया है। बकिया हर एक शब्द का हमारे पास साक्ष्य पुख्ता है। वैसे “थोडा होली और अन्य खबरों तथा स्टोरी में हम व्यस्त क्या हुवे तुमने समझ लिया हम डर गए।” कमाल करते हो मिया आप भी। हमको भुत से तो डर लगे न आपसे लगेगी डर। जुड़े रहे हमारे साथ हम आपको दिखाते है बिना डरे वो सच जो वक्त की रफ़्तार के धुंध में थोडा कही गायब सा हो जाता है। वो क्या है कि जावेद अखतर साहब का एक कलाम हमको बहुत मुतास्सिर कर गया। (उर्दू लफ्ज़ का इस्तेमाल किया है “मुतास्सिर”) कलाम ये है कि – “जो बात कहते डरते है सब, तू वो बात लिख। इतनी अँधेरी थी न कभी पहले रात लिख, जिसने कसीदे लिखे थे वो फेक दे कलम, फिर खून-ए-दिल से सच्चे कलम की सिफ़आत लिख।”

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