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तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – पसीना बहाती पुलिस ताकि रहे आप सुरक्षित, और टहल रहा गुरु बनारस

तारिक़ आज़मी / फोटो – ए जावेद

वाराणसी। कोरोना महामारी दिन पर दिन भयंकर रूप धारण करती जा रही है। रोज़ ब रोज़ नई नई खबरे दिल को दहलाने के लिए काफी रहती है। इन्सानियत खुद सहम चुकी है। मगर बनारस है कि डरने का नाम ही नही ले रहा है। दिन भर बेमतलब का सड़क नापने वालो की कमी आपको सडको पर नहीं मिलेगी। जिस तरफ आप निकल जाए उधर ही बाइक से लेकर रिक्शे तक से लोग सड़क नाप रहे होते है। उनसे आप पूछे कि कहा तो जवाब बड़ा मजेदार आपको सुनने को मिलेगा। जवाब होगा कि बस ऐसे ही निकल पड़े।

एक तरफ वाराणसी पुलिस पसीने बहा रही है वही दूसरी तरफ आम जनता को घुमने की ही पड़ी है। ऐसा लगता है कि नया समान लिए बिना तो अगला दिन हो ही नही सकता है। अब कल ही हमारे ए जावेद निकल पड़े थे हालत का जायजा लेने। देखा कि बिशेश्वरगंज में बाइक रिक्शा का जाम लग गया था। इनको डर नही है कोरोना की। थोडा आगे बढे तो मैदागिन पर काल भैरव चौकी इंचार्ज लाठिया लेकर लॉक डाउन का पालन करवाने में पसीने बहा रहे थे। कुछ नही तो लोग फरुई चना तलाशने निकल पड़े रहे। आगे बढे तो चौक पड़ा।

देखा इस्पेक्टर चौक डॉ आशुतोष तिवारी अपने साथ दालमंडी चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय, काशीपूरा चौकी इंचार्ज स्वतंत्र सिंह और ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज सहित पैदल गश्त कर रहे थे। लोग देख कर फुर्र हो रहे थे। मगर पुलिस के आगे बढ़ते ही भुदुक से निकल कर देखने लगते कि “का भयल गुरु।” कमाल है। अरे किसी और का नही तो अपने परिवार और अपना ख्याल कर डालो यारो।

थोडा आगे बढ़े तो मार्किट एरिया आ गया। दालमंडी में अन्दर जाते ही भीड़ देख कर ए जावेद खुद से बोल पड़े निकल ले जावेद। अईसी पत्रकारिता न करे के है कि कोरोना दिखाई दे जाए। तो जावेद बाबु ए जावेद से निकल ले जावेद कहते हुवे सड़क से होते हुवे गोदौलिया पहुचे। देखा बेमतलब का टहलते हुवे लोग। तभी सामने से एसीपी अवधेश पाण्डेय मय दल बल चले आ रहे है। उनको देख कर लोग धमधम करके गली पकड़ कर निकल लिए। आगे बढ़ते ही फिर झाकना शुरू। समझ नही आ रहा था कि खाली सडक देखने में का मजा मिल रहा है। एसीपी अवधेश कुमार पाण्डेय ने घाटो तक का दौरा कर डाला। सन्नाटा आखिर कायम करवा कर ही माने। रास्ते में जो दिखाई देता तो पाण्डेय जी पूछते ज़रूर “क्यों निकले है आप घर से ?” उसके बाद जमकर सुनाते कि अपना नही तो कम से कम अपने परिवार का ख्याल करो। कुछ हो जाए क्या कोरोना आपसे पूछ कर आएगा।” इतनी मुहब्बत से ज्ञान का कडवा डोज़ देते कि सामने वाला सीधे घर नज़र आये।

यहाँ से जावेद बाबु निकल ले जावेद कहते हुवे नई सड़क के बनिया बाग़ पहुच गए। वहा भी हाल वही, बेमतलब का गली के नुक्कड़ पर लोग भीड़ लगा रहे थे। कोई काम नही तो चबूतरा पर बैठ कर देख ही रहे है कि पुलिस क्या कर रही है। उधर चौकी इंचार्ज पानदरीबा मिथिलेश यादव के साथ चेतगंज थाना प्रभारी संध्या सिंह दल बल लोगो से लॉक डाउन का पालन करवाने को पसीने बहा रही थी। हद तो तब थी कि एक नुक्कड़ से लोग भागे और पुलिस के आगे बढ़ते ही गली के मोड़ पर खड़े होकर झाके कि कहा गई पुलिस। अजीब हाल था। सुबह से शाम तक पसीना बहती पुलिस के बातो को लोग समझने को तैयार जैसे न हो। आखिर में शाम तक एसीपी चेतगंज खुद आये और जमकर लोगो को फटकारा। एक घंटे के ऊपर खुद खड़े रहे और कोई दिखा तो उसके घर से निकलने का सबब ज़रूर पूछते।

इधर दूसरी तरफ ढाई बजे के करीब चौक इस्पेक्टर पैदल गश्त करते हुवे पुरे क्षेत्र का भ्रमण करके बनिया चौराहे पर जो चेतगंज और चौक थाने का बोर्डेर है पहुच गये। दालमंडी इलाके में लोगो को पुलिस लाख समझाने की कोशिश करती मगर लोग मानने को जैसे तैयार ही नहीं थी। आखिर में चौक एंड से एक टीम और नई सड़क एंड से दूसरी टीम एक साथ दालमंडी घुस गई। इसके बाद भीड़ अचानक खत्म हो गई। पुलिस को भी सख्ती दिखानी पड़ी। कई दुकानदारों का चालान काट दिया। एक दुकानदार दूकान का शटर आधा गिरा कर काम कर रहे थे। पुलिस को देख दूकान छोड़ कर भाग खड़े हुवे। मगर काशीपुर चौकी इंचार्ज वही बैठ गए। आओ बाबु कब तक ना आओगे। आखिर कुछ देर बाद दुकानदार को आना पड़ा। फिर कटा साहब का चालान।

अब आप खुद समझे क्या स्थिति है। लॉक डाउन शासन प्रशासन ने आपके स्वास्थ्य हेतु लगाया है, कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए इसका सहारा लिया जा रहा है। मगर लोग है कि मानने को तैयार ही नहीं है। अब आप ये वीडियो ही देख ले। ये वीडियो ए जावेद ने आज दोपहर 12 बजे के लगभग बनाया है। ये कोतवाली थाना क्षेत्र के मालवीय मार्किट का वीडियो है। देखे कैसे दुकाने खोल कर अभी तक बैठे थे। कोई फिक्र नही। अमा कमा कर क्या करोगे साहब बहादुर जब सेहत ही नहीं रहेगी। क्या इस कमाई का ताजमहल बनवाओगे। नही न। हम आपका दर्द भी समझते है कि त्यौहार का सीज़न है। बिक्री का वक्त है। धंधे का टेम है भाई। मगर एक बात बताओ आप कि इस धंधे से ज्यादा कीमती आपका स्वास्थ्य है। आपका परिवार सुरक्षित रहे ये ज्यादा ज़रूरी है।

दो गज की दुरी मास्क है ज़रूरी कहने और इसका स्टीकर लगाने से क्या भला होगा साहब। कम से कम नियमो का पालन तो आप करे। सोचे आपकी थोड़ी सी लापरवाही कितनी घातक हो सकती है। उनसे पूछे जो अपने करीबियों को लेकर उनके इलाज हेतु परेशान है। उनसे पूछे जिसने अपने करीबियों को इस महामारी में खोया है। खतरनाक है कोरोना, मजाक तो इसको बिलकुल पसंद नही है। तो फिर इस महामारी से आप मजाक न करे। सुरक्षित रहे। नियमो का पालन करे। आखिर जान है तो जहान है।

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