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किसानों की समस्याओं का निदान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता: डीएम

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी। बुधवार को डीएम महेन्द्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में उप्र जैव ऊर्जा समिति/जिला स्तरीय को-आर्डिनेशन कमेटी, प्राकृतिक खेती/जिला भूमि संरक्षण समिति/ कृषक उत्पादक संगठन की जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति/जनपद स्तरीय परियोजना प्रबन्धक इकाई की बैठक एवं किसान दिवस का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ।

डीएम ने मौजूद किसानों की न केवल समस्याएं सुनी बल्कि निराकरण के संबंध में मौजूद अफसरों को निर्देश दिए। किसानों की समस्याओं का निदान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शासन-प्रशासन करते संकल्पित होकर काम कर रहा है। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानपरक योजनाओं के जरिए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए नित नए कदम उठा रही है। सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि शासन किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कृत संकल्पित होकर काम कर रहा है। किसान परक योजनाओं से जुड़कर खेती किसानी से अपनी आई को बढ़ाएं।

सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने आहवान किया कि जनपद में श्रीअन्न (मिलेट) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न उत्पादन तथा प्रसंस्करण करके उपभोग हेतु उपलब्ध कराने वाले कृषक उत्पादक संगठन को एवं कृषकों को विकास भवन परिसर में स्टाल लगाकर बिक्री की सुविधा 25 फरवरी से 06 मार्च तक उपलब्ध करायी जायेगी। किसान भाई, सम्बन्धित सभी विभाग प्रयास करें कि जनपद प्रदेश में सबसे अधिक श्री अन्न उत्पादन करने वाला जनपद बन सके। सभी अधिकारी उत्पादक कृषकों एवं कृषक उत्पादक संगठनों को समर्थन देकर यह कार्य कर सकते है। तैयार उत्पाद स्वयं भी क्रय कर करें तथा अपने से जुड़े लोगों को भी प्रेरित करें।

आर्यावर्त फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि० द्वारा निर्मित मल्टीग्रेन आटा का उत्पादन किया जा रहा है, जिसका स्टाल 27 से 28 फरवरी, 01 मार्च तक, सहभागी किसान बाजार बायो इनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिo द्वारा निर्मित किये जा रहे सरसों का तेल का उत्पादन किया जा रहा है, जिसका स्टाल 02 से 03 मार्च तक एवं कान्हा बाबू फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि० द्वारा रागी बिस्कुट आदि लगाया जायेगा, जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। इसके अलावा मैगलगंज क्षेत्र में जो एफपीओ गठित है उनके माध्यम से रसगुल्ले का उत्पादन कराकर मार्केटिंग करायी जाए।

कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डा. पीके बिसेन ने फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन की मार्केटिंग के सम्बन्ध में कृषकों को अवगत कराया कि उनके द्वारा निर्मित किये जा रहे उत्पादों को आम जनता एवं कृषकों के मध्य प्रचार प्रसार से पहुँचाने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त आर्यावर्त फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा तिलहन की गिरराज HC298 का उत्पादन नेशनल सीड्स कारपोरेशन के सहयोग से किया जा रहा है।

डीएचओ मृत्युंजय सिंह ने अवगत कराया कि रामापुर में सोलर सिस्टम के माध्यम से आटा चक्की एवं तेल का कोल्हू चलाया जा रहा है इसके अतिरिक्त कृषकों द्वारा केले एवं आलू से चिप्स भी बनाये जा रहे है। डीडी कृषि अरविन्द मोहन मिश्र ने अवगत कराया कि उप्र जैव ऊर्जा समिति 2022 के अन्तर्गत नये प्लान्ट एवं मशीनरी की स्थापना की दशा में तथा पुरानी यूनिट के विस्तार में नये प्लाटं एवं मशीनरी की स्थापना की दशा में ही लाभ तथा सुविधाएं अनुमन्य होंगी।

इसके अलावा फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियों, सहकारी समिति, गन्ना समितियों को बायोमॉस के संग्रहण हेतु रेकर, बेलर, ट्रॉलर पर अपफ्रंट सब्सिडी कृषि विभाग की योजनाओं के तहत प्रदान की जायेगी। कृषि विभाग द्वारा बायोमॉस संग्रहण के लिए प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम 01 एफपीओ को प्रशिक्षण, हैण्डहोल्डिंग की जायेगी। इसके अलावा नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग प्राकृतिक खेती योजनान्तर्गत विकास खण्ड – बेहजम, मोहम्मदी में 10-10 क्लस्टरों का गठन किया गया है।

बैठक में सीडीओ अनिल कुमार सिंह, डीडी कृषि  अरविन्द मोहन मिश्र, जिला कृषि अधिकारी अरविन्द कुमार चौधरी, पीपीओ सत्येन्द्र सिंह, सहायक निदेशक मत्स्य एसके यादव, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड प्रसून सोनार, भूमि संरक्षण अधिकारी (गोमती) सुभाष चन्द्र, डीसीओ वेद प्रकाश सिंह, डीएचओ मृत्युंजय सिंह, सीवीओ डा. सोमदेव चौहान, कृषि विज्ञान केन्द्र डा. निरंजन लाल, डा. पीके बिसेन, डा. जिया लाल गुप्ता, कृषि वैज्ञानिक अन्य अधिकारी एवं कृषक उपस्थित रहें।

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