संजय ठाकुर
क्या यह हमारी पंरपरा है। आखिर अखिलेश यादव युवाओं के समक्ष कैसी नई परंपरा लाने की सोच रखते हैं। सत्ता के लिए एक पुत्र ने ही अपने पिता के दिल दुखाने का काम किया है। जबकि मां—बाप का स्थान सबसे उपर है। भारतीय संस्कृति में मां—बाप के लिए लोग हर सुख को त्यागने का काम करते हैं, लेकिन अखिलेश यादव ने इसके उलट एक नाजीर पेश करने का काम किया है। इस मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री नसीमुददीन सिददीकी ने कहा कि सपा कहती है कि काम बोलता है, लेकिन काम जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है। आखिर मुजफ्फरनगर दंगों, अखलाक व डीसीपी की मौत का जिम्मेदार कौन है। इसका जवाब सपा को देना चाहिए। वहीं भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा केवल जनता को गुमराह करने का काम करती है और साम्प्रदायिकता फैलाती है। इस मौके पर बृजेश जायसवाल, मिसबाहुल, ताकिर, राजकुमार गौतम आदि लोग मौजूद रहे।
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