आफ़ताब फ़ारूक़ी
बग़दाद में इराक़ के आंतरिक मामलों में अमरीकी हस्तक्षेप की निंदा में जनता का प्रदर्शन
इराक़ी सांसद अपने देश से अमरीकी सेना को निकाल बाहर करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं।
इराक़ के एक वरिष्ठ राजनेता का कहना है कि बग़दाद के आंतरिक मामलों में वॉशिंग्टन के हस्तक्षेप से बढ़ती चिंता के बीच इराक़ी संसद में देश से अमरीकी सेना को निकाल बाहर करने पर चर्चा होगी।
अरबी भाषी ऑनलाइन अख़बार अरबी-21 के अनुसार, इराक़ी सांसद अहमद अलअसदी ने जो इराक़ के “निर्माण गठबंधन” के नेता है, कहा कि देश से अमरीकी सैनिकों को निकालने के लिए इराक़ सरकार के सामने इस देश के सांसद अपनी मांग रखेंगे।
पिछली बार की संसद के दौरान ही अमरीकी सैनिकों को इराक़ से निकाल बाहर करने की मांग उठी थी लेकिन इस बार सांसद अमरीकी सैनिकों के बाहर निकलने के लिए स्पष्ट टाइमटेबल चाहते हैं।
अमरीका ने अपने कुछ पश्चिमी घटकों के सहयोग से 2014 में आतंकवादी गुट दाइश के ख़िलाफ़ लड़ाई के बहाने इराक़ में अपने सैनिकों की तैनाती शुरु की।
इराक़ी सांसद अहमद अलअसदी ने कहाः “दाइश के ख़िलाफ़ बड़ी जीत के बाद, इराक़ सरकार का यह अधिकार है कि वह इस बात की समीक्षा करे कि उसे अपने देश की भूमि में अमरीकी सेना की ज़रूरत है।”
उन्होंने कहा कि जैसे ही संसद में शपथ ग्रहण की प्रक्रिया ख़त्म होगी, अमरीकी सेना को इस देश से निकालने की मांग दुगुनी हो जाएगी।
अमरीका 2003 से जब उसने जनसंहारक हथियारों को तबाह करने के बहाने इराक़ पर हमला किया था, इराक़ में मौजूद है। हालांकि उस समय इराक़ से जनसंहारक हथियार बरामद नहीं हुए थे। अमरीकी हमलों के कारण इराक़ में अस्त व्यस्तता फैली और आतंकवादी गुटों का उदय हुआ।
कैलिफ़ोर्निया के “प्रोजेक्ट सेंसर्ड” नामक संगठन के अनुसार, अमरीकी हमलों और उसके बाद इराक़ के अतिग्रहण के कारण इस देश में 10 लाख से ज़्यादा इराक़ी मारे गए।
इराक़ में नई सरकार के स्वरूप पर चर्चा सहित इस देश के आंतरिक मामलों अमरीकी हस्तक्षेप की निंदा में अगस्त 2018 में हज़ारों की संख्या में इराक़ी नागरिक बग़दाद की सड़कों पर निकल आए थे।
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