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लिबरमैन के इस्तीफ़े पर क्या है फिलिस्तीनियों की प्रतिक्रिया

आफ़ताब फ़ारूक़ी

ज़ायोनी शासन के युद्धमंत्री ने ग़ज़्ज़ा में प्रतिरोधक बलों से टकराव में नाकामी के बाद अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है जिस पर फ़िलिस्तीनियों की ओर से रोचक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध संगठन हमास के प्रवक्ता हाज़िम क़ासिम ने लिबरमैन के इस्तीफ़े पर कहा कि हमास और अन्य फ़िलिस्तीनी गुट जिस चीज़ के इच्छुक हैं वह एक ज़ायोनी नेता का त्यागपत्र नहीं है बल्कि हमास का लक्ष्य समस्त फ़िलिस्तीन को स्वतंत्र कराना है। हमास के एक अन्य वरिष्ठ नेता सामी अबू ज़ोहरी ने भी कहा कि लिबरमैन का इस्तीफ़ा ग़ज़्ज़ा के लिए एक राजनैतिक जीत है और ग़ज़्ज़ा ने अपने प्रतिरोध से ज़ायोनी शासन के अंदर एक राजनैतिक भूकंप पैदा कर दिया है।

फ़िलिस्तीन की जनप्रतिरोध की समितियों के प्रवक्ता अबू मुजाहिद ने कहा है कि लिबरमैन का इस्तीफ़ा, ग़ज़्ज़ा में दुश्मन की सुरक्षा व सैनिक पराजय के बाद एक चकित करने वाली जीत है। जेहादे इस्लामी संगठन के मीडिया सेल के प्रमुख दावूद शहाब ने भी बल देकर कहा है कि लिबरमैन का इस्तीफ़ा, अतिग्रहणकारियों की पराजय का एक परिणाम है और ज़ायोनियों ने स्वीकार किया है कि ग़ज़्ज़ा में प्रतिरोध के मुक़ाबले में ज़ायोनी शासन की सभी कार्यवाहियां विफल रही हैं। जेहादे इस्लामी ने कहा है कि लिबरमैन इससे कहीं कमज़ोर थे कि प्रतिरोध के सामने टिक पाते और ज़ायोनी शासन को ग़ज़्ज़ा में पराजय के बाद अन्य परिणामों की भी प्रतीक्षा करनी चाहिए।

जेहादे इस्लामी की सैन्य शाखा क़ुद्स ब्रिगेड ने बल देकर कहा है कि प्रतिरोध ने केवल दुश्मन के सैन्य हमले का जवाब नहीं दिया बल्कि उसके राजनैतिक समीकरणों को भी बिगाड़ दिया। ग़ज़्ज़ा पट्टी के शाती शरणार्थी शिविर में रहने वालों ने कहा है कि वे हमास की बड़ी जीत और लिबरमैन की पराजय का जश्न मनाएंगे।

ज्ञात रहे कि ज़ायोनी शासन के कमांडोज़ की एक टीम ने रविवार की रात ग़ज़्ज़ा के दक्षिण में स्थित ख़ान यूनुस में क़स्साम ब्रिगेड के एक कमांडर की हत्या कर दी जिसके बाद फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधक बलों ने उस टीम का पीछा किया और उसके एक सदस्य की हत्या कर दी। इस घटना के बाद फ़िलिस्तीनियों ने अतिग्रहित फ़िलिस्तीन की ओर 470 मीज़ाइल और राॅकेट फ़ायर किए जिनमें से केवल 100 को इस्राईल का एंटी मीज़ाइल सिस्टम ध्वस्त कर सका। फ़िलिस्तीनियों के मीज़ाइल हमलों में ज़ायोनी शासन को भारी क्षति पहुंची है।

aftab farooqui

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