बापू नंदन मिश्रा
भारतीय संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जो भी इस संसार में वस्तु वृक्ष अथवा जीव जंतु यदि दिख रहे हैं। अस्तित्व में हैं तो उसको किसी ना किसी रूप में इस समस्त सृष्टि में जुड़ाना उसका निश्चित ही है। बस इसी तरह एक वृक्ष जो एक वर्ष में एक ही दिन खोजा जाता है। जब मां अपने पुत्र के लिए 24 घंटे बिना पानी के रह कर जीवित्पुत्रिका व्रत करती हैं। उस वृक्ष का नाम बरियार है। जो इस बदलते मौसम और वातावरण को देखते हुए लुप्त होता जा रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि उसी बरियार के साथ हमारी माताएं बैठती हैं, और माता सीता को संदेश देती है। अर्थात यू कहें यह एक ऐसा वृक्ष है, जो एक वर्ष में एक ही दिन तो आता है, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण वृक्ष है।
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