अब्दुल बासित मलक
चंडीगढ़:- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने गृह मंत्री अनिल विज को आईना दिखा दिया है। विज से सीआईडी विभाग वापस ले लिया गया है। उधर, विज का कहना है कि सीआईडी को गृह विभाग से अलग नहीं किया जा सकता।
राज्य में मंत्रिमंडल का गठन करते हुए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठता के हिसाब से छह बार चुनाव जीत चुके विज को गृह विभाग के साथ ही स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य, आयुष, चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान और विज्ञान व तकनिकी विभागों की जिम्मेदारी सौंपी थी।आमतौर पर सीआईडी मुख्यमंत्री अपने पास ही रखते आए हैं, लेकिन खट्टर ने यह महकमा भी विज को दे दिया था। विज ने सीआईडी की कार्यप्रणाली को घटिया करार देते हुए इसमें सुधार के गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। उन्होंने सीआईडी के मुखिया अनिल राव से विधानसभा चुनावों को लेकर सरकार को दी गई रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी। इस मसले पर राव को उन्होंने स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा था। राव मुख्यमंत्री के भरोसे के अफसरों में माने जाते हैं। यह मामला भाजपा आलाकमान के पास पहुंच गया था।
गृह मंत्री विज ने यह तो माना है कि मुख्यमंत्री सर्वेसर्वा हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि गृह विभाग के संविधान में सीआईडी उसी का हिस्सा है। सीआईडी को गृह विभाग से अलग करके नहीं देखा जा सकता और प्रदेश का गृह मंत्री मैं ही हूं। खट्टर के सीआईडी विभाग वापस ले लेने पर गृह मंत्री विज से उनकी दूरियां बढ़ने के आसार हैं।
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