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कानपुर के शाहीन बाग़ बने मोहम्मद अली पार्क मे जारी है आयात-ए-करीमा के साथ महिलाओं का CAA,NRC के विरुद्ध प्रदर्शन, अजीतगंज के तर्ज पर पटकापुर में मे भी जारी हुआ धरना

आदिल अहमद/ मोहम्मद कुमैल

कानपुर: आज सोमवार को नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के खिलाफ चमनगंज स्थित मोहम्मद अली पार्क मे 21वाँ दिन शाहीन बाग़ की तर्ज पर महिलाओं ने प्रदर्शन करके इस क़ानून का विरोध किया। महिलाओं ने आयते करीमा का विर्द भी किया। ऐसे ही अजीतगंज बाबूपुरवा के तिकोनिया पार्क मे भी 9वें दिन महिलाओं ने धरना दिया। यहाँ भी आयते करीमा का विर्द किया गया।

मोहम्मद अली पार्क व बाबूपुरवा के बाद अब पटकापुर के लारी पार्क मे भी महिलाओं ने शनिवार और रविवार को धरना दिया। हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई आपस मे सब भाई भाई, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद, इंक़लाब जिन्दाबाद आवाज़ दो हम एक है आदि नारे लगे।

एक दलित महिला ने कहा कि यह लड़ाई किसी विशेष धर्म की लड़ाई नही बल्कि संविधान की लड़ाई है। इसमे पीछे नही रहना है। इस कानून को वापस कराने मे कोई कसर नही छोड़ेंगे। धनीराम पैंथर मे कहा कि मोदी जी ने कहा था कि अच्छे दिन आऐंगे। यह हैं अच्छे दिन कि हमारी माता बहने घर से बाहर निकल आईं। मोदी जी का नारा था सबका साथ सबका विकास। लेकिन नारा बदल गया। ऐसे सबका साथ सबका विनाश कोई काम नही किया। मोदी हुकूमत ने सिर्फ हिन्दु मुस्लिम को आपस मे लड़ाया है। लेकिन मोदी जी याद रखो देश की जनता जाग चुकी है। वह समझ चुकी है कि यह हुकूमत सिर्फ लड़वाने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि अब देश की जनता इनको कुर्सी से उतारकर रहेगी। धरने मे हंटर सेना की टीम भी मौजूद थी। एक महिला ने धरने मे कहा कि यह मत कहो खुदा से मेरी मुश्किल मे बड़ी है यह मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है। हम जिम्मेदार महिलाएं अपने घर के सभी काम छोड़कर इस धरने मे शिरकत करने आए है। यहाँ आना भी एक जंग से कम नही है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी इसी तरह जंग लड़ी। बस आप लोगो का हौसला चाहिए। जब तक यह काला कानून वापस नही लिया जाएगा, तब तक यह धरना जारी रहेगा। मै तुझे मिटा दूँगा मै वह आग हूँ मुझे कम न समझना मै शाहीन बाग हूँ। आज हम लोगो को शाहीन बाग से हौसला मिला। मोदी योगी शाह सुन लो हम कल भी एक थे आज भी एक हैं और कल भी एक रहेंगे। हमारी एकता को कभी कोई नही तोड़ पाएगा।

कहा कि आज हम लोग यहाँ पर जमा है। यह भी अल्लाह की मर्ज़ी है। जुल्म करना और जुल्म सहना यह मजहबे इस्लाम मे नही है। आज जुल्म के खिलाफ हम लोग यहाँ जमा है चाहे कुछ भी हो जाए, हम हिम्मत नही हारेंगे। धरने मे कुलदीप गौर के अलावा कई महिलाओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।

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