National

तुल पकड रहा कांग्रेस टूल किट मामला, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल नोटिस तामील करवाने पहुची ट्वीटर इंडिया के गुरुग्राम स्थित दफ्तर

आदिल अहमद

नई दिल्ली: कांग्रेस टूलकिट केस ने सोमवार को तूल पकड़ लिया, जब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ट्विटर के गुरुग्राम और लाडो सराय के दफ्तर पहुंची। पुलिस ने ट्विटर को नोटिस देकर जवाब भी मांगा था।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के करीब 6 सदस्य लाडोसराय स्थित ऑफिस पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें वहां कोई नहीं मिला।

गुरुग्राम के हॉरिजन प्लाजा में भी स्पेशल सेल की टीम पहुंची और वहां सिक्योरिटी गार्ड से ऊंची मारत में ट्विटर के कार्यालय का पता पूछा, लेकिन उसे इसकी कोई जानकारी नहीं थी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि स्पेशल सेल की टीम कानूनी नोटिस को तामील कराने ट्विटर कार्यालय पहुंची थी। यह एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, क्योंकि टीम यह जानना चाहती थी कि कौन अधिकृत व्यक्ति है, जिसे नोटिस सर्व कराया जाना है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्विटर इंडिया के एमडी का जवाब बेहद अस्पष्ट है।

दरअसल, टूलकिट को लेकर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को मेनुपलटेड (हेर-फेर किया हुआ) टैग दे दिया था। सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर से ऐतराज भी जताया था। सरकार ने तर्क दिया है कि क्योंकि यह मामला अभी जांच के अधीन है, लिहाजा उसे टैग दिया जाना सही नहीं है। केंद्र सरकार ने कथित तौर पर सरकार को बदनाम करने वाले टूलकिट पर मीडिया टैग को लेकर ट्विटर से ऐतराज जताया था। भारत के कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों को कथित तौर पर बदनाम करने के लिए ये मीडिया टैग तैयार किए गए थे। सरकार ने ट्विटर से कहा है कि यह मीडिया टैग हटा दे क्‍योंकि मामला अभी लंबित है।  सूत्रों के अनुसार, जांच ही सामग्री की सत्‍यता का निर्धारण करेगी न कि ट्विटर। सरकार ने ट्विटर से जांच की प्रक्रिया में दखल नहीं देने को कहा है। ट्विटर ऐसे समय अपना निर्णय़ नहीं दे सकती, जब मामला जांच के दायरे में है। ट्विटर पर इस तरह के कंटेट का होना इस सोशल मीडिया वेबसाइट की प्रतिष्‍ठा पर सवालिया निशान लगाता है।

सूत्रों के अनुसार, आईटी मंत्रालय ने ट्विटर की ग्लोबल टीम को पत्र लिखा है और कुछ नेताओं के ट्वीट के साथ ‘हेरफेर कर पेश किए गए मीडिया टैग’  पर आपत्ति दर्ज कराई थी। ये ट्वीट कथित रूप से कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की कोशिशों को कमतर दिखाने, पटरी से उतारने और बदनाम करने के लिए बनाए टूलकिट के संदर्भ में किए गए थे।

ट्विटर को संदेश में मंत्रालय ने कहा कि पहले ही कानून प्रवर्तन एजेंसी के समक्ष संबंधित पक्षकारों में से एक ने शिकायत दर्ज कराई है। इसमें टूलकिट की सच्चाई पर सवाल उठाया है और उसकी जांच की जा रही है। ट्विटर की ऐसी टैगिंग न्याय से पूर्व, पूर्वाग्रह और जानबूझकर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी की जांच प्रभावित करने की कोशिश है।

pnn24.in

Recent Posts

एसआईटी ने जारी किया प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लुकआउट नोटिस

आफताब फारुकी डेस्क: जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ कर्नाटक सरकार की विशेष जांच टीम…

3 hours ago