तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी में आज कुछ इलाकों में कुछ लोगो द्वारा ईद मनाई जा रही है। वही शहर के बड़े हिस्से में आज लोगो ने रमजान का 30वा रोज़ा रखा है और ईद कल मनाई जाएगी। 29वे रमजान के दिन ईद के चाँद को लेकर देर रात तक मुस्लिम समुदाय में पेशो पेश की हालात बने रहे। चाँद के होने न होने की तस्दीक करने के लिए बनी मुस्लिम समुदाय की मरकजी हेलाल कमेटी ने रात में सभी गवाहियो के इंतज़ार के बाद एलान किया कि ईद का चाँद नही दिखाई दिया है। जिस वजह से ईद 14 मई जुमे के रोज़ मनाई जाएगी। मगर कई अनसुलझे सवालो के बीच शहर क़ाज़ी गुलाम यासीन ने एक पत्र के ज़रिये एलान कर दिया कि चाँद दिखाई दे गया है और ईद बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी।
हुआ कुछ इस तरह की हर शहर में मरकजी हेलाल कमेटी होती है जो इस्लामी चाँद होने की तस्दीक करके चाँद का एलान करती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रमजान और ईद का चाँद होता है। क्योकि चाँद के एलान के बाद रमजान शुरू हो जाता है। और ईद के चाँद के एलान के बाद ईद मनाई जाती है। बनारस में मरकजी हेलाल कमेटी की बैठक मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क पर होती है। कल भी कमेटी ईद के चाँद का एलान करने के लिए बैठी और शहादत का इंतज़ार करती रही। देर रात तक कोई शहादत न आने के बाद मरकजी हेलाल कमेटी ने ईद के चाँद न होने का एलान कर दिया और सुबह रोज़ा रखने की बात कही।
वही दूसरी तरफ रात दस बजे के बाद शहर क़ाज़ी गुलाम यासीन ने ईद के चाँद का दीदार हो जाने का एलान कर दिया। इस एलान के बाद पुरे जनपद ही नही बल्कि पुरे पूर्वांचल में एक उहापोह की स्थिति बन गई। शहर में कुछ जगहों पर क़ाज़ी यासीन के मानने वालो ने पटाखे भी छोड़ दिए। गौरतलब है कि अमूमन खाड़ी देशो में ईद के चाँद दिखाई देने के दुसरे दिन भारत में चाँद दिखाई देता है। वही खाड़ी देशो में कल यानी मंगलवार को ईद का चाँद नही हुआ था। वहा बुद्धवार को ईद के चाँद का दीदार हुआ है और आज बृहस्पतिवार को ईद मनाई जा रही है। फिर भी नियमो के तहत बाद नमाज़ मगरिब मरकजी हेलाल कमेटी चाँद की तस्दीक के लिए अपने मुक़र्रर जगह मस्जिद लंगड़े हाफ़िज़ में चाँद की तस्दीक के लिए बैठ गई थी। काफी वक्त गुज़र जाने के बाद बनारस ही नही बल्कि पूर्वांचल के किसी जिले से ईद के चाँद देखे जाने की जानकारी नही आई।
इसी दरमियान शहर क़ाज़ी गुलाम यासीन ने ईद का चाद नज़र आ जाने की घोषणा कर दिया। इस घोषणा के बाद मुस्लिम समुदाय में उहापोह की स्थिति बन गई। इस स्थिति में सभी एक दुसरे से ईद के चाँद हेतु पूछते नज़र आ रहे थे। तब तक मरकजी हेलाल कमेटी ने अपना बयान जारी करते हुवे ईद का चाँद नही दिखने की घोषणा कर डाला। इस घोषणा के बाद शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में हडकम्प की स्थिति हो गई। वही दूसरी तरफ मुफ़्ती-ए-शहर मौलाना बातिन नोमानी ने हमसे बात करते हुवे कहा कि मरकज़ हेलाल कमेटी का फैसला आखिर है। हम उसको मानेगे।” उनके इस बयान के बाद और भी अधिक अधिक उहा पोह की स्थिति हो गई। हर गली नुक्कड़ से लेकर अपने अपने दूरस्थ रहने वाले लोगो को फोन करके ईद के चाँद की तस्दीक करने में लगे रहे।
आज कुछ इलाको में हुई ईद
शहर क़ाज़ी गुलाम यासीन के एलान के तहत आज बनारस में कुछ लोगो ने ईद मनाई। जबकि अधिकतर लोगो ने कल यानी शुक्रवार को ईद होने के मरकजी हेलाल कमेटी के एलान का पालन किया है और आज रोज़ा है। इस प्रकार शहर में दो ईद मनाया जाना लगभग तय हो गया है। वही चर्चाओं में क़ाज़ी यासीन के एलान भी सवालो के घेरे में आकर खड़ा हो गया। खुद उनके रिहायशी इलाको में काफी बड़ी ताय्दात में लोगो ने ईद नही मनाई है और वह लोग कल ईद मनायेगे। कई अनसुलझे सवालों के बीच क़ाज़ी यासीन के समर्थको ने ईद आज मनाई है।
चाँद की गवाही देने वाले पर उठे सवाल
शहर क़ाज़ी गुलाम यासीन द्वारा ईद के चाँद का दीदार होने का एलान लोहता क्षेत्र के एक परिवार द्वारा चाँद देखने की गवाही के आधार पर किये जाने की जानकारी सामने आई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईद के चाँद का दीदार लोहता क्षेत्र के रहीमपुर निवासी मौलाना इसराक, उनकी भाभी, उनके दो भाइयो ने किया है। पुरे जनपद में केवल एक परिवार में लोगो के ईद का चाँद देंखने की बात भी चर्चा का विषय बनी हुई है। हमारे सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष लॉक डाउन में मौलाना इसराक को पैरालेसिस अटैक पड़ा था और उस वक्त उनकी स्थिति काफी ख़राब हो गई थी जिससे वो किसी को उस समय पहचान नही पा रहे थे। एक सूत्र ने तो यहाँ तक कहा कि अभी भी उनकी तबियत ठीक नही रहती है। मौलाना इसराक क़ाज़ी गुलाम यासीन के करीबियों में एक गिने जाते है। उनकी इस गवाही पर भी लोगो ने सवाल खड़े किये है।
वही दूसरी तरफ मौलाना इसराक के भाई ने एक वीडियो जारी करके बताया है कि उन्होंने और उनकी पत्नी तथा उनके भाई ने मिलाकर कुल 5 लोगो ने ईद के चाँद का दीदार किया है। वीडियो को आधार माने तो वीडियो में उन्होंने दावा किया है कि “मदनपुरा से फोन आने पर हमने इसकी गवाही दिया कि चाँद हो गया है, जिसके बाद हम लोग मदनपुरा गए और वहा गवाही दिया। फिर वापस घर जा रहे थे तो मदनपुरा से दुबारा फ़ोन आया कि चाँद की गवाही जाकर मरकजी हेलाल कमेटी में दे दो, जहा हम लोग गए मगर कोई आया नही गवाही लेने।”
शहर काजी के एलान पर उठे सवाल
मुस्लिम समुदाय में शहर क़ाज़ी के ईद का चाँद होने के एलान से भी कई सवाल खड़े हो गए। चर्चाओं में लोगो का कहना था कि जब चाँद की तस्दीक के लिए हर शहर में मरकजी हेलाल कमेटी बनी हुई है, और शहर क़ाज़ी के पास गवाही चाँद होने की थी तो उन्हें मरकजी हेलाल कमेटी को इत्तेला करना चाहिए था। जब ये काम मरकजी हेलाल कमेटी का है तो फिर शहर क़ाज़ी खुद का बयान जारी कर पुरे सिस्टम को अपने हाथो में लेना चाहते है क्या ? गौरतलब हो कि एक मर्तबा पहले भी इसी प्रकार रमजान का चाँद जहा एक तरफ 29 के होने की बात हुई तो शहर क़ाज़ी ने इसी प्रकार चाँद 30 का होने का एलान कर दिया। उस साल भी ईद के बाद शहर क़ाज़ी ने एक और रोज़ा रखकर रोज़े पुरे करने का एलान किया था। इस बार ईद के चाँद का एलान करने के बाद शहर क़ाज़ी के वो पुराने कई फैसले भी लोगो के चर्चा का सबब बन गये जो वक्त के साथ गलत साबित हुवे थे।
क्या है शहर क़ाज़ी की भूमिका और कहा से शुरू हुआ इसका सिलसिला
सल्तनत मुगलिया के वक्त में इसाफ व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए शहर क़ाज़ी का एक पद सृजित हुआ था। उस समय शहर क़ाज़ी इन्साफ किया करते थे और फरियादियो से उनके फ़रियाद की तस्दीक करके और करवा कर उनको इन्साफ दिलाने में मदद करते थे। अगर कोई फरियादी इन्साफ से नाखुश होता तो उसको आगे के अन्य पायदानों पर सृजित पदों पर अपनी शिकायत दर्ज करवाने की आज़ादी थी। इसके अलावा शरई इस्लाह और मशवरे के लिए मुफ़्ती के पद हुआ करते थे जो शरियत के सलाह देते थे।
सल्तनत मुगलिया खत्म होने के बाद से क़ाज़ी-ए-शहर का पद खत्म हो गया। किसी धर्म से सम्बन्धित कोई पद सरकार नही बनाती है वो धार्मिक आज़ादी का हिस्सा होते है जिस कारण इसमें सरकार का दखल भी नही रहता है। इसके बाद से लगभग ज़्यादातर जनपदों में क़ाज़ी का पद नही होता है बल्कि जनपद में मुफ़्ती के पद उस जनपद के धर्म के जानकारो द्वारा मनोनीत होता है। जैसे बनारस में मुफ़्ती-ए-बनारस मौलाना बातिन नोमानी है। मगर देश में कुछ शहरों में लोगो ने अपने समर्थको के बल पर शहर क़ाज़ी का पद भी सृजित कर रखा है। जिसमे शहर बनारस भी एक है।
शफी उस्मानी डेस्क: महिलाओं के कथित यौन शोषण और अश्लील वीडियो बनाने के आरोपों का…
तारिक़ खान डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के मामले में…
अनुराग पाण्डेय डेस्क: गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिसमें कहा गया है कि…
ईदुल अमीन डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी पार्टी के घोषणापत्र को लेकर पीएम…
आफताब फारुकी डेस्क: जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ कर्नाटक सरकार की विशेष जांच टीम…
मो0 कुमेल डेस्क: राज्यसभा सांसद और वकील कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग को लेकर सवाल…