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विक्की शर्मा हत्याकाण्ड (भाग -2) –नई सड़क-दालमंडी के बिल्डर और अपराधी गठजोड़ का खेला……..! जाने कहा से शुरू हुई मिलन विज और विक्की शर्मा की दुश्मनी

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के निवासी विक्की शर्मा हत्या कांड में पकडे गए मिलन विज से एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। खबरों के अन्दर की खबर के बीच जो कुछ इस हत्याकांड में निकल कर सामने आ रहा है वह नई सड़क – दालमंडी इलाको के बिल्डर और अपराधी गठजोड़ को जग ज़ाहिर एक बार फिर कर बैठा। हम पुरे प्रकरण के खुलासे से पहले आपको बताते चले कि ये अपराधी – बिल्डर गठजोड़ में सभी बिल्डर शामिल नही है। महज़ दो तीन ही ऐसे बिल्डर है जो अपराधियों के सहारे अपना कारोबार करते है। बकिया स्पष्ट रूप से साफ़ सुथरा काम करते है। वैसे देखे तो जितनी पंचायत पुरे शहर में होती है उसका 50 फीसद से ज्यादा पंचायत इन अपराधियों के संरक्षणदाता के रूप में काम करने वाले बिल्डर्स की होती है।

बहरहाल, हम मुद्दे से भटकने के बजाये सीधे मुद्दे पर रहते है। अमूमन रनिंग क्राइम स्टोरी के सामान विक्की शर्मा हत्याकांड का सफल खुलासा चंदौली पुलिस ने कर डाला है। इस खुलासे के अनुसार मिलन विज ने हत्या करना कबूल कर लिया है। मिलन विज एक पुराना शातिर अपराधी है और अपराध ही इसके कारोबार के रूप में है। कभी रिंकू गुप्ता गैंग से सम्बन्धित मिलन विज के सम्बन्ध में सूत्र बताते है कि अब ये कुख्यात फरार अपराधी विश्वास नेपाली का दाहिना हाथ और वाराणसी में विश्वास का विश्वासपात्र है। मिलन विज ने हत्या का कारण जो बताया वह भले पुलिस को गुमराह कर सके मगर दहशत तो मिलन विज की बन गई है शहर मे। इस घटना से जुड़े कारणों की खोज करते हुवे जितना अन्दर तक आप जायेगे अपराधी और बिल्डर गठजोड़ सामने आता रहेगा।

कहा से शुरू हुई अदावत ?

मिलन विज विश्वास के विश्वास को जीतने के बाद से वाराणसी में कथित तौर पर दवाओं का कारोबार करता था। मगर अन्दर खाने की बात जो सूत्रों के द्वारा निकल कर सामने आई है वह ये है कि विश्वास का पल्लू पकड़ने के बाद रिंकू गुप्ता गैंग के शांत हो चुके अपराधी और इसके गैंग के लोगो को मिलाकर सफ़ेदपोश एक गैंग बना कर संगठित रूप से अपराध के द्वारा कारोबार कर रहा था। इसके गैंग का आका विश्वास नेपाली के अलावा सैदपुर के निकट का मुख़्तार गैंग से सम्बन्धित एक बाहुबली भी था जिसके एक बेटा इस गैंग का सदस्य है। वही गैंग में मुख्य रूप से मिलन के नेतृत्व में राधे शर्मा, रोशन उपाध्याय, गोलू मिश्रा उर्फ़ अमित मिश्रा के अलावा कुछ दालमंडी और नई सड़क के नवजवान लड़के भी है।

जैतपुरा का फकरुद्दीन हत्याकांड

गैग का नेतृत्व करने वाला मिलन विज और अपराध का दो दशक से अधिक समय का नाता था। ये अनुभव भी कहा जा सकता है कि कई मामलो में मिलन विज की संलिप्तता को पुलिस पकड़ ही नहीं सकी और मिलन विज साफ़ साफ़ बच गया। एक उदहारण अगर देने की बात किया जाये तो जैतपुरा थाना क्षेत्र में हुई साडी कारोबारी फक्रुद्दीन की हत्या का काण्ड मुख्य था। दसियों लाख की हुई लूट में रेकी किसने किया इसकी जानकारी पुलिस ने अपने कागजों में कुछ भी लिखा हो, मगर गोपनीय सूत्र बताते है कि इस घटना की पूरी रूप रेखा बनाने में मिलन विज के पुराने अपराध का अनुभव था। इस घटना में कुल तीन अभियुक्त पकडे गए थे। पुलिस सूत्र के अनुसार पुलिस तफ्तीश मिलन विज तक पहुची थी मगर शातिर मिलन विज बड़ी बारीकी से पुलिस की आँखों में धुल झोक गया था। घटना का खुलासा तत्कालीन एसओ जैतपुरा के द्वारा किया गया था और घटना में प्रयुक्त असलहा भी बरामद हुआ था। मगर मिलन विज इस पुरे मामले में जाँच में बच गया।

इस लूट की घटना में 1 लाख तीस हज़ार लूट की बात सामने आई थी। हत्या का मुख्य कारण लूट की घटना को ही अंजाम देना था। जिगर वाले फकरुद्दीन ने गोली खाने के बाद ही झोला छोड़ा था। घटना स्थल भी सन्नाटा इलाका था। घटना के बाद इलाके में दहशत कायम हो गई थी। क्योकि इस प्रकार की यह पहली घटना इस इलाके में हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने इसका बढ़िया वर्क आउट किया था।

बिल्डर्स से सम्पर्क

इसके बाद से मिलन विज इसके बाद बिल्डर्स के संपर्क में आना शुरू हो गया। कई बिल्डर्स ने इससे संपर्क बना लिया। छोटी मोटी पंचायत को हल करके अपना कट लेकर मौज लेने वाला मिलन विज बड़ा हाथ मारने के फ़िराक में आ गया था। वर्ष 2020 इन्ही सब में आ गया और छोटी मोटी पंचायत करने वाले मिलन विज ने अब बड़े केस में हाथ डाल दिया। इसी जगह से मिलन विज और विक्की शर्मा से अदावत का सिलसिला शुरू हुआ। विक्की शर्मा ठठेरी बाज़ार के सौरभ कपूर के यहाँ नौकरी करता था। सौरभ कपूर विक्की पर पूरा विश्वास करने के साथ अपनी बातो को भी शेयर करते थे।

इस दरमियान सौरभ कपूर अपने मकान को बनवाने वाले थे। मकान के ठीक सटा हुआ एक और हिस्सा था जो एक मेडिकल स्टोर संचालक का था। सूत्र बताते है कि इस साईट पर निर्माण कार्य का एग्रीमेंट बेनिया निवासी एक बिल्डर ने किया। एगिमेंट करने के बाद बिल्डर साहब मेडिकल स्टोर वाला हिस्सा भी लेना चाहते थे। सूत्र बताते है कि इस काम के लिए बिल्डर साहब ने मिलन को काम में डाला। सूत्रों के अनुसार एक कुख्यात अपराधी की पत्नी ने इस इस डील को फ़ाइनल करवाया था और बिल्डर तथा मिलन की मीटिंग करवाया था।

सूत्र बताते है कि काम मिलने के बाद मिलन विज ने अपने सभी हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए और बिल्डर को मेडिकल स्टोर वाली साईट दिलवाने की कोशिश जारी कर दिया। इस दरमियान कपूर साहब काफी परेशान थे और उनकी साईट पर हाथ नही लग पा रहा था। अपने मालिक को परेशान देख एक दिन विक्की इसका सबब पूछता है तो कपूर साहब ने पूरी बात बताया। जिसके बाद विक्की ने इस मामले में अपने पत्रकार मामा को डाला और मेडिकल स्टोर वाले से बातचीत हेल्दी माहोल में करना शुरू किया। जल्द ही इसका नतीजा सामने आया और मेडिकल स्टोर संचालक ने अपना संपत्ति का हिस्सा 75 लाख में कपूर साहब को लिखा दिया। इसके बाद कपूर साहब ने साईट का एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया।

हाथ आया पर मुह न लगाया

ये मामला हल होने के बाद मिलन भी किनारे हो गये और बिल्डर साहब का काम भी हाथ से चला गया। हालात मिलन विज की कुछ इस तरह थी कि हाथ तो आया मगर मुह न लगाया। मिलन विज इस काम में हुवे अपने घाटे को सहन बड़ी मुश्किल से कर पा रहा था। यहाँ से अदावत शुरू होती है। और अदावत में एक और केस ने कील ठोक डाला। जिसका विवरण आपको अगले अंक में प्रदान पढने को मिलेगा कि किस तरह एक बिल्डर ने करोडो के अपने फायदे हेतु अपराध को संरक्षण दिया और अपराधियों के बल पर अपना पूरा साम्राज्य खड़ा किया जो विक्की हत्या काण्ड की जड़ बन बैठा। क्रमशः

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