वाराणसी: सरकार हमारी तो आदेश ताख पर, सत्तारूढ़ दल का व्यापर मंडल अध्यक्ष हूँ, पुलिस चौकी के बाहर ही कार खडी करूँगा बताओ…!
शाहीन बनारसी
वाराणसी: एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा अवैध वाहन पार्किंग को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी किये गए है। इसको लागू करवाने के लिए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस अपने पसीने बहा रही है। वही दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के नेता ही उनके आदेशो को ताख पर रखने के लिए बेताब है। जिसके जीता जागता उदहारण आज मगलवार को चौक थाना क्षेत्र की पियरी चौकी पर दोपहर में देखने को मिला। दोपहर एक बजे से लेकर ये नजार पोस्ट लिखे जाने तक यानी लगभग 4 बजे तक जारी है।
अवैध रूप से गाडी पार्क करने के लिए जहाँ वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट आम नागरिको के चालान काट रही है। वही दूसरी तरफ बड़ी सी गाडी पर बड़ा सा सत्तारूढ़ दल का झंडा लगाये “अध्यक्ष व्यापार मंडल” का बोर्ड लगाये ये गाडी चौक थाना अंतर्गत आने वाले पियरी पुलिस चौकी के ठीक बाहर खडी है। सत्ता की हनक का इससे बड़ा नजारा और क्या देखने को मिलेगा। चौकी इंचार्ज क्षेत्र में गश्त पर है। चौकी पर सिर्फ पुलिस कर्मी अपनी दिनचर्या में व्यस्त है। इस वाहन को वहां से हटवा देने अथवा इसका चालान काटने के लिए एक बड़ी हिम्मत की ज़रूरत है। जबकि पास में ही बेनिया पार्किंग है। गाडी वहा भी खडी किया जा सकता था।
वैसे गाडी स्वामी को भी थोडा सोचने की ज़रूरत है, आप स्वयं व्यापर मंडल के अध्यक्ष है। व्यापारी हितो के लिए आप हमेशा खड़े रहने का दावा करते है। व्यापारियों ने ही इस प्रकार की अवैध पार्किंग का विरोध किया था। मगर आप भी तो हुजुर वही काम कर रहे है। बेशक आपकी गाडी पर लगे सत्तारूढ़ दल के झंडे और व्यापार मंडल अध्यक्ष होने का बोर्ड इस बात की पुष्टि करता है कि कोई पुलिस वाला आपकी गाडी का चालान अवैध पार्किंग के नाम पर तो नही कर पायेगा। मगर खुद का भी कुछ कर्त्तव्य बनता है। पास में ही पार्किंग है। कितना खर्च होगा महज़ 50 रुपया, मगर लाखो की गाडी भी सुरक्षित रहेगी और साथ में नियम का पालन भी होगा।
वही सवाल तो पुलिस से भी है कि एक आम नागरिक अपनी बिना कारण अपनी बाइक भी यहाँ पार्क कर देता तो उसकी चालान काट दिया गया होता। मगर बात यहाँ सत्ता व्यापार मंडल अध्यक्ष की है तो फिर इनका चालान काटने के लिए तो बेशक हिचक होगी ही। अब कोई ये कहकर तो भ्रम की स्थिति पैदा न करे कि चौकी इंचार्ज से मिलने के लिए अध्यक्ष जी आये थे और पुलिस चौकी के बाहर गाडी खडी कर दिया। क्योकि सत्यता हमको भी पता है कि जिस समय से जिस समय तक यह गाडी अभी यहाँ खडी है उस समय चौकी इंचार्ज तो चौकी पर थे ही नही। वह कार्यसरकार और शन्तिव्यवस्था में व्यस्त थे। फिर मुलाकात की तो बात ही नही उठती है। अब देखना होगा कि वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट क्या इस वाहन का चालान करेगा या फिर बात आई गई हो जाएगी।