एच0 भाटिया
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सपा के कद्दावर नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम की उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, जिसमें 15 साल पुराने एक मामले में उन्हें 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। जबकि मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
अब्दुल्लाह आज़म की तरफ से दलील दी गई कि इसके बावजूद जब मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है तो अधिसूचना भी जारी हो गई। अधिवक्ता ने दलील दिया कि कल बुधवार 29 मार्च 2023 को चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी किया है कि चुनाव प्रक्रिया 13 अप्रैल 2023 से शुरू होगी। उनके तरफ से दलील दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में अब्दुल्ला खान की उम्र पर राय दी गई है। उन पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव की तारीख पर न्यूनतम आयु प्राप्त नहीं की थी।
जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई उम्र के अनुसार अपराध होने की तारीख 15 साल पहले की है। यानी तब जब अब्दुल्लाह आज़म किशोर थे। वरिष्ठ वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अवगत कराया गया था। इसी के आधार पर नाबालिग होने का दावा किया गया था। हालांकि ट्रायल कोर्ट में खान द्वारा इस संबंध में पर्याप्त दस्तावेज पेश नहीं किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया और यह तर्क दिया गया कि खान को 2008 के एक अपराध में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में अब्दुल्लाह आज़म को अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई गई है। जिसके अगले ही दिन उनको विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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