पहला दिन : कहीं गुरू जी नही तो कहीं बच्चे नदारद

फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी// थारू जनजातिय इलाके में शैक्षिक सत्र की शुरूआत ने ही शिक्षा विभाग की तैयारियां की पोल खोल कर रख दी है। अधिकांश स्थानों पर बच्चे नदारद दिखाई दिये तो कहीं शिक्षक भी इससे पीछे नहीं रहे। थारू गांवों की यह स्थिति कमोवेश सभी स्कूलों की रही । बनकटी के प्राथमिक विद्यालय में समय से पहुंच चुके बच्चे स्कूल का ताला न खुल पाने के चलते वापस जाते देखे गये।  प्राथमिक विद्यालय स्कूलों में बड़ी घास बरसात के दिनों में सांप बिछुओं से बच्चो को डरा रही थी। अध्यापक सफाई को लेकर गेंद सफाई कर्मी के पाले में फेंक रहे थे। यही हाल थी प्राथमिक विद्यालय छेदिया पूर्व का।
समय  से बरसात न होने से ग्रामीण परिवेश में अभी धान लगने का काम हो रहा है इसका भी सीधा असर प्राथमिक विद्यालय पर पड़ा है लेकिन जिन स्कूलों में गुरूजी पहले दिन ही छुट्टी मार गये वहां क्या किया जा सकता है। थारू गांव ढकिया, भूड़ा, सरिया पारा , बनकटी, पंश्चिम छेदिया में कुल  मिलाकर एक दर्जन भी बच्चे नही आ पाये जब कि इन विद्यालयों में सैकड़ों नाम रजिस्टर पर दर्ज हैं। साथ ही बच्चों की संख्या न के बराबर होने के कारण कहीं भी मिडे-डे मील नही बन सका। काफी कोशिश के बाद भी एनपीआरसी मुकेश भदौरिया से संपर्क नही हो पाया।

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