कहीं फिर तबाही की वही दास्‍तां इस बार भी न लिख दे घाघरा

घाघरा का पानी बढ़ते देख सभी को याद आ रहा तबाही का वह भयानक मंजर

अंजनी राय 

बलिया । बैरिया तहसील क्षेत्र में ही बिहार की सीमा से सटे यूपी का एक पंचायत है इब्राहिमाबाद नौबरार। इसे लोग अठगांवा के नाम से भी जानते हैं। घाघरा कटान से तबाही की एक भयानक दास्‍तां को समेटे इस गांव की आबादी घाघरा के उफान पर आते ही सहम जाती है। विभागीय लापरवाही के कारण ही इस गांव के किसान तो भूमिहीन हुए ही गए, गांव के लगभग 350 आलीशान मकानों सहित, गांव की लगभग अमिट निशानियां भी यादों में सिमट गई।

मुरलीछपरा विकासखंड के इस पंचायत की बची आबादी इस साल भी डरी हुई है कि कहीं वर्ष 2014 की ही तरह इस साल भी विभागीय उपेक्षा से घाघरा तबाही की वही दास्‍तां न लिख दे। वहीं बाढ़ खंड की ओर से इस बार यहां कुछ भी नहीं कराया गया। आज भी यहां लगभग 15 हजार की आबादी कटान के मुहाने पर है। वहीं बीएसटी बांध पर भी संकट के बादल दिख रहे हैं। यही विभागीय उपेक्षा यहां एक बार फिर आंदोलन की जमीन तैयार करने लगी है।
तब तबाही से बचने का नहीं बचा था कोई उपाय
यह बात वर्ष 2014 की ही है। इब्राहिमाबाद नौबरार पंचायत घाघरा कटान की भयंकर तबाही से जूझ रहा था। वर्ष 2014 में इस पंचायत की लगभग 18 हजार अबादी पूरी तरह बर्बाद हो चली थी। गांव से तीन किमी दूर बहने वाली घाघरा, 250 एकड़ उपजाऊ खेतों को निगलने के बाद गांव के आलीशान मकानों को तेज गति से अपने गर्भ से समाहित करते जा रही थी। तब मात्र 15 दिनों में लगभग 350 आलीशान मकान सभी के आंखों के सामने ही, घाघरा में समाहित हो गए। तब कुल नौ किमी का बीएसटी बांध शरणार्थियों से भर गया था। गांव के लोग सरकार और रहनुमाओं पर इस कदर खफा थे कि कोई भी प्रतिनिधि या अधिकारी इस गांव में जाने से भी कतराता था। इतनी तबाही के बाद भी इस गांव की बची आबादी को घाघरा कटान से बचाने के लिए कुछ भी हुआ।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *