पौधारोपण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

विकास राय

गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थानाक्षेत्र के लट्ठूडीह स्थित जय बजरंग आई टी आई के प्रांगण में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में जय बजरंग आई टी आई लट्ठूडीह के संरक्षक हरेराम राय प्रबन्धक हिमांशु राय ग्राम प्रधान करकट पुर .अजय शुक्ला. श्री भगवान यादव.बेद प्रकाश यादव प्रधान पिहुली.रजनीश राय.अभिषेक राय एवम उपस्थित अन्य लोगों के द्वारा भी फलदार. छायादार. फूल एवम अन्य प्रजाति के पौधो का पौधारोपण किया गया।

इस मौके पर अपने संबोधन में प्रबन्धक हिमांशु राय ने कहा की प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन सभी जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं सन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल सन्तुलित रहेंगे। यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसीलिए हमारे पूर्वजों ने पेड़ों को पूरा महत्व दिया।

वेदों-पुराणों और शास्त्रों में भी पेड़ों के महत्व को समझाने के लिए विशेष जोर दिया गया है। पुराणों में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि एक पेड़ लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कि दस गुणवान पुत्रों से यश की प्राप्ति होती है। इसलिए, जिस प्रकार हम अपने बच्चों को पैदा करने के बाद उनकी परवरिश बड़ी तन्मयता से करते हैं, उसी तन्मयता से हमें जीवन में एक पेड़ तो जरूर लगाना चाहिए और पेड़ लगाने के बाद उसकी सेवा व सुरक्षा करनी चाहिए। तभी हमें पेड़ लगाने का परम पुण्य हासिल होता है। भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि जिसकी संतान नहीं है, उसके लिए वृक्ष ही संतान है। वृक्ष एक तरह से संतान की तरह ही मानव की उम्रभर सेवा करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।

यदि प्रकृति को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाए तो कदापि गलत नहीं होगा। पेड़ों पर प्रकृति निर्भर करती है। पेड़ लगाना प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन है और प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन ईश्वर की श्रेष्ठ आराधना है। एक पेड़ लगाने से असंख्य जीव-जन्तुओं के जीवन का उद्धार होता है और उसका अपार पुण्य सहजता से हासिल होता है। एक तरह से पेड़ लगाने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति में भी वृक्षारोपण को अति पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों में लिखा गया है कि एक पेड़ लगाने से एक यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। पद्म पुराण में तो यहां तक लिखा है कि जलाशय (तालाब/बावड़ी) के निकट पीपल का पेड़ लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान माना गया है।

इस मौके पर तेज बहादुर राम.संजय कुशवाहा. जयशंकर राय.देवेंद्र सिंह देवा.विपिन बिहारी सिंह टुनटुन.चुन्नू राय.अखिलेश राय.मिन्टू राय.अनिल राय.पुर्णेन्दू राय समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।सभी ने पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।

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