अंजनी राय
बलिया: गेहूं की फसल की कटाई युद्धस्तर पर जारी है। ऐसे में प्रायः देखा जाता है कि कम्बाइन मशीन से फसल कटवाने के बाद किसान फसल अपशिष्ट को जलाने की गलती कर देते हैं। लेकिन यह गलती पर्यावरण के साथ किसानों का भी भारी नुकसान करा सकती है। प्रशासन के साथ कृषि विभाग की इस पर पैनी नजर है। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बताया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेषों को जलाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसके अनुपालन के लिए जनपद के समस्त कंबाइन मशीन मालिकों को भी निर्देश दिया गया है कि कंबाइन मशीन के साथ स्ट्रारीपर बाईंडर अथवा स्ट्रारीपर मशीन का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें। इसके बिना कंबाइन चलाए जाने पर मशीन तो सीज होगी ही, मालिक पर भी दंडात्मक कार्रवाई होगी। फसल अपशिष्ट जलाए जाने पर किसानों के विरुद्ध भी कार्रवाई का मानक तय किया गया है।
दो एकड़ तक के किसानों को ढाई हजार, पांच एकड़ तक के किसानों को पांच हजार तथा इससे अधिक भूमि वाले किसानों को 15 हजार जुर्माना लगाया जाएगा। जिलाधिकारी में अपील किया है कि किसान भाई फसल अपशिष्ट को नहीं जलाएं, बल्कि उसकी जगह फसल अपशिष्ट का वैकल्पिक उपयोग बायो एनर्जी, कंपोस्ट खाद आदि के रूप में करें। यह किसानों के लिए ही लाभदायक होगा।
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