उद्योग हित में शुभ संकेत नही; कुँवर मुश्ताक़ अंसारी

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही।एकमा का 1960 में गठन उद्योग हित में आने वाले समस्याओं में संघर्ष के लिए हुआ था जिसमे मुख्य रुप से 11 फाउंडर सदस्य  एम ए समद, आरके सहगल, आरसी खन्ना, जीडी मिश्र, अब्दुल मजीद खां, कन्हैयालाल गुप्त, दमोदर मिश्र, अब्दुल रउफ़ अंसारी, यूएस पाठक, पीसी सचदेवा थे।प्रथम अध्यक्ष ओएल टेलरी थे।80 के दशक तक एकमा के उद्योग हित में संघर्ष का परिणाम था कि उद्योग खूब फल फूल रहा था।लेकिन अफसोस की 80 के दशक बाद एकमा में राजनीतिकरण हाभी होने लगा।वैसे तो एकमा सदस्यों के गंगा जमुनी संस्कृति की मिसाल के रूप में देखा जाता रहा है।जब भी कोई सांप्रदायिक समस्या आई एकमा ने समाजिक समरसता को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन चंद्र एकमा के सदस्यो के दूषित विचारधारा के चलते एकमा की साख व आपसी एकता खंडित होने के संकेत दे रहे है।जो उद्योग के 20 लाख बुनकर मजदूर के हित के विपरीत है।चंद्र दूषित मानसिकता के लोगो को एकमा बाइलाज को अध्यन करने की आवश्यकता है।काजीपुर के कालीन निर्यातक कुँवर मुश्ताक़ अंसारी ने कहा कि एकमा के चंद्र सदस्य राजनीति से प्रेरित है।जिससे उनकी सोच दूषित हो गई है।जिसका उदाहरण रविवार को एकमा के वाट्सएप्प ग्रुप में देखने को मिला।एक तरफ राजनीतिक पोस्ट पर कोई टिप्पणी नही लेकिन  अजान सम्बंधित पोस्ट पर किसी को बिना कारण बताएं बाहर करना कहा का न्याय है।आखिर इसका नतीजा भी सामने है कि ग्रुप से 70 प्रतिशत लोग पुनः लेफ्ट हो गये।लोगो में आक्रोश भी है।कुँवर ने कहा कि एकमा पहले तो ग्रुप बंद करे और दूषित विचार रखने वालो को एकमा का इतिहास पढाएं।ताकि जिस उद्देश्य से एकमा का गठन हुआ है।उसे निरंतर कामयाबी की ओर अग्रसर किया जाते रहे जो एकता के बल पर संभव है।कुँवर मुश्ताक़ अंसारी ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर एकमा वाट्सएप्प ग्रुप में ऐसे लोग कैसे एडमिन है जो पदाधिकारी भी नही है।सभी पदाधिकारी यह न भूले की एकमा की व्यवस्था सभी निर्यातक सदस्यों के सहयोग के बल पर है।किसी भी सदस्य का अनादर बर्दास्त नही किया जायेगा।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *