संजय ठाकुर
मऊ, 27 जून 2019 – संचारी रोग नियंत्रण माहआगामी 1 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रदेश के समस्त जनपदों में एक साथ मनाया जाएगा। इसी के संदर्भ में घोसी ब्लॉक के एक विद्यालय के सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त प्रधानाध्यापकों को संचारी रोग नियंत्रण के लिए संवेदीकरण किया जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने की।
इसके अलावा 40 से 50 मिनट का एक विशेष क्लास भी बच्चों के लिए लगाया जाए जिसमें स्वास्थ्य से संबन्धित जानकारियों को बताया जा सके जिससे बच्चे जागरूक होकर अपने घर और आसपास के लोगों को भी जागरूक कर सकें। इसके साथ ही सभी तहसीलों, गांवों में जागरूकता अभियान, जागरूकता रैली,नाटक मंचन आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
सीएमओ डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि रोग फैलाने वाले ये मच्छर अक्सर धान के खेतों तथा पानी के तालाबों में रहते हैं। संक्रमण के बाद विषाणु मनुष्य के मस्तिक एवं रीढ़ की हड्डी सहित केंद्रीय नाड़ी तन्त्र में प्रवेश कर जाते हैं। शुरूआत में फ्लू जैसी बीमारी के लक्षण के साथ बुखार आना, ठंड लगना, थकान महसूस होना, सिर दर्द, उल्टी आना तथा घबराहट हो सकती है। इलाज के अभाव में आगे चलकर उपरोक्त लक्षण 30 प्रतिशत से अधिक होने पर इंसेफ्लाइटिस का रूप धारण कर सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि संचारी रोग किसी न किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। डेंगू, मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं ये मच्छरों के कारण तेजी से फैलता है।
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित खंड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
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