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केरल गर्भवती हाथी के मौत प्रकरण पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ – आप खुद सोचे आपके पसंदीदा एंकर कौन सा झूठ परोस रहे है आपके आगे, जाने क्या है हकीकत

तारिक आज़मी

नफरतो की सियासत अपनी जगह कही भी तलाश लेती है। खुद के सियासी फायदे के लिए किसी मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने के लिए नफरतो की सियासत कोई मौका नही छोडती है। चाहे वह किसी का जन्म हो अथवा मौत। सियासत अपनी रोटी सेकने को बेताब रहती है। इसको बल चंद बेमुद्दो की बात पर पत्रकारिता करने वाले लोगो द्वारा मिल जाता है।

कहने को तो पत्रकारिता में बड़ा नाम होने का दावा करने वाले लोग खुद की टीआरपी के चक्कर में अब फेक न्यूज़ को भी सजा सवार कर हकीकत बताते हुवे बड़े बड़े दावे करने लगते है। इंसान से इंसान के बीच नफरतो का पैमाना भर देते है। कभी आप गौर करके देखे आपका पसंदीदा एंकर किस कदर आपसे झूठ बोलता है। कभी आप ध्यान दे जिस एंकर को और जिस चैनल को आप पसंद करते है वह आपके और आपके परिवार के दिमाग में झूठ के बल पर किस तरीके की नफरतो को भर रहा है। ऐसा नही है कि ये पहली बार कुछ ऐसा कर रहा है। गाहे बगाहे खुद की टीआरपी को बढाने के लिए इन नफरतो और झूठ का सहारा लेता ही रहता है। कई बार खुलासे भी हुवे, मगर आपका उसके ऊपर से विश्वास नही हटा और आपने आज भी उसके ऊपर विश्वास कर डाला।

मामला केरल में एक गर्भवती हाथी के मौत का है। दर्दनाक इस घटना ने इंसानियत को झकझोर का रख दिया। सभी की इंसानियत जाग उठी और लाजिम है जागना भी चाहिए कि एक बेजुबान के साथ ऐसी क्रूरता हो गई। नफरत के लायक वह इंसान है जिसने एक बेजुबान को ऐसी दर्दनाक मौत दे डाली। वैसे घटना तो पल्लकड़ जिले में हुई थी। मगर सियासत के तीरंदाजो ने इसको तत्काल खुद की सियासी रोटिया पकाने के उद्देश्य से मल्लापुरम की घटना करार दे दिया। दीपक चौरसिया जैसे पत्रकारों ने इसको खूब हवा दिया। भाजपा की लाबी ने भी जमकर हंगामा सोशल मीडिया पर काटा। मेनका गांधी ने घटना को मल्लापुरम की बता डाला। इसके पीछे वजह स्पष्ट थी कि मल्लापुरम वैसे तो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी आबादियों वाला जिला है, मगर यह जिला मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है।

एक बेजुबान खुद की तकलीफ नही कह पाया और पानी के सहारे खुद की ज़िन्दगी की जद्दोजहद जारी रखा मगर आखिर में मौत से वह हार ही गई। गर्भ में पल रहे शीशु के साथ ही उसकी भी मौत हो गई। साथ ही इंसानियत ने भी दम तोड़ डाला और मामले में नफरत के सियासत का ज़हर बोने की कोशिश शुरू हो गई। वैसे थे ये चंद मुठी भर लोग। दीपक चौरसिया ने खुद एक ट्वीट करके मामले को सम्प्रदयिक रंग दिया मगर जब हकीकत सामने आई तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर डाली। मगर तब तक हज़ारो लिखे और हज़ारो रीट्वीट मामले में हो चुके थे। नफरत अपने पैर फैलाती उसके पहले ही केरल पुलिस का धन्यवाद कि उन्होंने मामले का तुरंत खुलासा करके बता दिया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम क्या है। नाम में मज़हब तलाशते नफरत के सौदागरों ने खुद की ट्वीट डिलीट करना शुरू कर डाली।

सोशल मीडिया पर गिरफ्तार आरोपियों का नाम अमजद अली और तमीम शेख बताया जाने लगा। नाम में मज़हब तलाशते लोगो ने इसको खूब हवा दिया। मगर जल्द ही मामले में केरल पुलिस ने खुलासा कर डाला और बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पी विल्सन है। इस मामले में अपनी खबर लिखते हुवे ऑल्ट न्यूज़ ने फैक्ट चेक कर डाला। अपनी खबर में ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा है कि केरल के पलक्कड़ में एक हाथी की भयानक मौत भारतीय मुस्लिम आबादी को लक्षित करने के लिए एक और मुद्दा बन गया है। ऐसी खबरें आने के बाद कि कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि अपराध के लिए गिरफ्तार किए गए व्यक्ति अमजद अली और तमीम शेख हैं। इस न्यूज़ ने उस ट्वीट का भी स्क्रीन शॉट लगाया है जो अमर प्रसाद रेड्डी, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के मीडिया सलाहकार, ने ट्वीट किया था। खबर में लिखा है कि ऐसी ट्वीट करने वाले शुरुआती लोगों में से वो एक थे। बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया लेकिन इससे पहले ही इसे हजारों लाइक और रीट्वीट हो चुके थे। बाद में उन्होंने ट्वीट करके अपना स्पष्टीकरण दिया।

यही नहीं लाइव हिंदुस्तान के भी न्यूज़ की स्क्रीन शॉट इस खबर में लगाईं गई है जिसमे पकडे गए आरोपियों का नाम शमीम शेख और अमजद अली बताया गया है। यही नहीं दीपक चौरसिया जैसे एंकर ने भी अपने ट्वीट में इस तरह की अफवाह को बल दिया है जिसमे उन्होंने गिरफ्तार लोगो के नाम अमजद अली और तमीम शेख बताया है। ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी खबर में पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक जी सिवा विक्रम के बयान को भी दर्ज करते हुवे लिखा है कि उनसे बात करते हुवे पुलिस अधीक्षक जी सिवा विक्रम ने सोशल मीडिया के दावों को “फर्जी” करार दिया है और बताया है कि मामले में पी विल्सन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस खबर की पुष्टि डीडी न्यूज मलयालम द्वारा भी किया गया है। यही नही हिंदुस्तान टाइम्स ने भी इस खबर को प्रमुखता से अपने पेज पर जगह दिया और बताया है कि गिरफ्तार व्यक्ति का नाम पी विल्सन है।

द हिन्दू ने अपनी खबर में इस मुद्दे को डिटेल से लिखा है कि इस इलाके के किसान जंगली सूअर और अन्य जंगली जानवरों से अपने खेत को बचाने के लिए इस प्रकार का एक जाल बना कर रखते है। इसी जाल में लगे पटाखों के कारण हाथी की मौत हुई है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने भी अपनी खबर में इस बात का स्पस्ट तौर पर उल्लेख किया है कि किस तरीके से हाथी की मौत हुई और किस आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही साथ उस आरोपी का नाम भी स्पस्ट रूप से पी विल्सन बताया गया है।

मशहूर पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि “केरल हाथी मामले में अब तक गिरफ्तार एक व्यक्ति: उसका नाम विंसेंट है। दुख की बात है कि आज भी आरोपियों के नाम/धर्म से नाराजगी का पैमाना तय किया जाता है ।। हम बड़े लोगों के घृणित, द्वेषपूर्ण समाज बन गए हैं। शुभ रात्रि, शुभ्रत्रि।“ राजदीप सरदेसाई पुराने पत्रकार है और किसी परिचय के मोहताज नही है। मुद्दु पर अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर राजदीप सरदेसाई हमेशा सच को सामने रखते है।

अब आप खुद समझ सकते है कि आपके पसंदीदा एंकर और न्यूज़ के पुरोधा खुद को साबित करने वाले लोग आपके और आपके परिवार के दिमाग में किस तरीके से खुद की टीआरपी बढाने के लिए नफरतो की खेती करते है। नाम में मज़हब तलाशने वालो की हरकतों का खुलासा पहला नही है। बल्कि इसके पहले भी कई बार हो चूका है। पालघर मामले में कुछ ऐसे ही कलमबाजों पर मुकदमा दर्ज हुआ। वही महाराष्ट्र सरकार ने नफरत फैलाने वाले न्यूज़ एंकरों पर शिकंजा कसना शुरू कर डाला। इस बार बात थोडा राजनैतिक होने पर केरल पुलिस ने भी एक्शन मोड़ अपनाया है और कई शिकायतों को एक साथ करते हुवे भाजपा नेता मेनका गांघी पर मुकदमा दर्ज किया है।

बहरहाल, समझना आपको है। आप खुद सोचे किस तरीके से आपको हमको एक भीड़ में तब्दील करने की कोशिश जारी है। हम भीड़ का हिस्सा नही है इसको आपको सोचना है। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न देकर हकीकत से रूबरू होने का वक्त आ गया है। इस कोरोना महामारी काल में जब पूरी दुनिया में त्राहि त्राहि मची है हमको अपनी एकता और अखंडता को ऐसे चंद खुद के फायदे के लिए नफरत फैलाने वालो से दूर रहना होगा। सोचे आप आखिर आपको किस तरीके से सच को छुपाते हुवे लोग अपने फायदे के लिए झूठ परोस रहे है। आखिर कब तक उनके झूठ को आप सच समझेगे।

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