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बदायु – धर्मस्थल में पुजारी की दरिंदगी और लापरवाह पुलिस, सामूहिक दुष्कर्म कर पीडिता के प्राइवेट पार्ट में डाला गया था रोड, ठुसे कपडे और रुई

जीशान अली

बदायु। वह उम्र के दुसरे पड़ाव पर थी। वह तो शांति की खोज में शायद मंदिर गई होगी। उसको क्या मालूम था कि वह पुजारी नही बल्कि एक दरिन्दे के आसपास है। पुजारी और उसके चेलो ने जो किया उससे वह चीख रही होगी। चिल्ला रही होगी। मगर आसपास के बने मकानों में लोग शायद अपने कानो में रुई ठुसे होंगे तभी तो उनको उसकी चीखे नही सुनाई दी। पुजारी और उसके चेलो ने दरिंदगी की हदे पार कर दिया। पहले उसका सामूहिक बलात्कार किया। उसके प्राइवेट पार्ट में रोड डाल दिया जिससे उसके प्राइवेट पार्ट से खून निकलने लगा। फिर उसमे कपडा और रुई ठूस दिया। फिर उसके बाद उसको धर्मस्थल में बने कुवे में फेक दिया।

जी हां, पुजारी नही बल्कि वह दरिंदा ही कहलायेगा जो धर्म के आड़ में ऐसी दरिंदगी करे। उस महिला के एक पैर इन दरिंदो ने तोड़ डाले। उसकी एक पसली टूट गई थी। दरिंदगी की इन्तहा देख पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक भी इस दरिंदगी को देखकर हैरान थे। वह भी नहीं समझ पा रहे थे कि इस घटना में दरिंदगी की हद पार हुई है या फिर दिल्ली की निर्भय काण्ड में या फिर हाथरस या फिर…..।

मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के उघैती इलाके का है। जहा रविवार को एक धर्मस्थल में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसके साथ मारपीट की गई, मारपीट भी ऐसी कि उसका एक पैर टूट गया। एक पसली टूट गई। उसके प्राइवेट पार्ट में रोड डाल दिया गया जिससे उसके आन्तरिक अंग घायल हो गए। प्राइवेट पार्ट में रुई और कपडे ठूस दिए गए। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि आसपास के लोगों ने उसकी चीखें तक नहीं सुनीं, जबकि धर्मस्थल गांव के नजदीक है। वहीं कुछ दूरी पर लोगों के घर बने हुए हैं। उन्हें महिला की चीखें सुनाई देना तो दूर उसके कुएं में गिरने के बारे में तक में नहीं सुना।

एफआईआर के मुताबिक महिला रविवार शाम धर्मस्थल पहुंची थी। सात घंटे बाद यानी रात 12 बजे पुजारी सत्यनारायण दास, वेदराम और यशपाल उसे अर्द्धनग्न हालत में घर के बाहर फेंक गए। उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। उसका एक पैर टूटा हुआ था। परिजन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस सोमवार दोपहर तक मौके पर नहीं पहुंची।

धर्मस्थल पर सिर्फ पुजारी सत्यनारायण दास रहता हैं। वहीं बराबर में वेदराम और यशपाल के खेत हैं। ये दोनों पुजारी के चेले है। ग्रामीणों के मुताबिक ये दोनों सत्यनारायण दास के चेले हैं, जो अक्सर धर्मस्थल पर बैठकर अपना समय बिताते हैं। पुजारी ने महिला के कुएं में गिरने की कहानी बनाकर इन्हीं दोनों आरोपियों को मदद के लिए बुलाने की बात कही थी। इसके अलावा महिला के साथ क्या हुआ किसी को पता नहीं था? इसके बावजूद थाना पुलिस पुजारी ने जो कहानी बनाई, उसे ही आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। एक बार भी यह नहीं सोचा गया कि आखिर महिला की ऐसी हालत कैसी हुई।

इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया था कि उन्होंने महिला कांस्टेबल से महिला का शरीर दिखवाया था, लेकिन उसके शरीर पर ऐसा कोई चोट का निशान नहीं मिला। इंस्पेक्टर की इस लापरवाही ने पूरे पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया। आखिर इस्पेक्टर उस पुजारी को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा था ? विभाग शर्मसार है कि एक इस्पेक्टर भी क्या धर्मान्धता की हदे पार कर जायेगा ? ऐसी हदे कि पुजारी को बचाने के लिए उसकी कहानी को ही आगे बढ़ाया जा रहा था।

बाद में पुलिस ने मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टाल दिया। मंगलवार दोपहर बाद महिला के शव का पैनल में पोस्टमार्टम कराया गया। महिला के शव की हालत देखकर खुद चिकित्सक तक हैरान रह गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई, जिससे अंदरूनी हिस्सा फट गया। उसकी बाईं सातवीं पसली टूटी हुई मिलीं और बायां फेफड़ा भी फटा हुआ था। इसके अलावा उसका बायां पैर टूटा हुआ मिला है जो महिला के साथ हुई हैवानियत की कहानी बयां कर रहे थे।

पकड़ा गया पुजारी का झूठ

दुष्कर्म के बाद महिला की हत्या के मामले में भले ही पुलिस, पुजारी व दो अन्य आरोपियों को दोषी नहीं मान रही थी, लेकिन सोमवार को सामने आए वीडियो ने जुर्म की पुष्टि कर दी। पुजारी ने बयान दिया था कि वह धर्मस्थल पर था। महिला आई थी, लेकिन वह कुएं में गिर गई। इससे उसने दो लोगों को बुलाया और चंदौसी ले गए, लेकिन उसे वापस घर छोड़ने वाली बात हजम नहीं हुई। जब महिला की हालत इतनी गंभीर थी तो उसे वापस क्यों लाया था? इसके अलावा पुजारी ने महिला को जिस कुएं में गिरने की बात कही थी, वो कुआं एक टीन शेडनुमा कोठरी में है। उसकी दीवार और धर्मस्थल की दीवार लगी हुई हैं। वह कोई आम रास्ता नहीं है, जहां से कोई गुजरते समय गिर जाए।

पुलिस ने खुद फरार कराए आरोपी

सोमवार को जिस समय महिला की मौत के बाद माहौल गर्म हो रहा था। उस दौरान आरोपी गांव में और पुजारी धर्मस्थल पर मौजूद था। पुलिस उसके बयानों के आधार पर पूरा मामला घुमाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया। परिणाम यह रहा कि मंगलवार सुबह तक तीनों आरोपी गांव से फरार हो गए।

 क्या कहते है ज़िम्मेदार

बदायूं एसएसपी ने बताया कि  महिला की मौत के मामले में हत्या और दुष्कर्म आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में इंस्पेक्टर की लापरवाही सामने आई है। हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।  एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 376 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस प्रकरण में एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा ने मीडिया से बात करते हुवे कहा कि इस मामले में धर्मस्थल के पुजारी व दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। महिला के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। उसके प्राइवेट पार्ट में चोट मिली है। एक पसली टूटी मिली है। पैर में भी फ्रैक्चर है। एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है, बाकियों की तलाश जारी है।

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