उमेश पाल हत्याकांड: कमज़ोर दिल वाले न देखे इस दुर्दांत घटना का वायरल होता सीसीटीवी फुटेज, घर के अन्दर तक घुस कर मारी गोली और बम, दो नही कई थे हमलावर, जमकर चलाये बम और गोलियां   

तारिक़ आज़मी

प्रयागराज: अपराधियों के चारागाह जैसे तब्दील होता जा रहा प्रयागराज और बेख़ौफ़ होते अपराधियों की कलाई करतूत उमेश यादव हत्याकांड में घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है। फुटेज देख कर इस घटना की भयावहता का अंदाजा लगाना मुश्किल नही है। फुटेज में दो नही कई हमलावर एक चालू जीटी रोड पर बम और गोलियों की बरसात कर रहे है। बम तो ऐसे चल रहे थे कि हर तरफ सब धुँआ धुँआ हो गया।

वायरल होते सीसीटीवी फुटेज में साफ़ दिखाई दे रहा है कि एक मोटे और छोटे कद का इंसान हाथो में बमों का झोला लिए हुवे है और आते के साथ ही बम चलना शुरू कर देता है। थाना धूमनगंज से चंद कदमो की दुरी पर हुई इस दुस्साहसिक घटना का फुटेज देख कर साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमलावर पूरी तरीके से सबको मार देने के लिए आश्वस्त होने के लिए ही ये थे। एक हेलमेट लगाये युवक ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर ताबड़तोड़ गोलियां चला रहा है। कार के पास ही एक गनर सडक पर गिरा पड़ा हुआ है। शायद वह गोली अथवा बम के छर्रे लगने से थोडा घायल हुआ होगा उस समय।

मगर जैसे ही मौका मिलता है वह गनर उठ कर घर के अन्दर की तरफ भागता है। तभी एक हमलावर अन्दर गोलियां चलाते हुवे घुस जाता है और बाकी भी तीन अथवा चार हमलावर अन्दर घुस कर गोलियां चलाने लगते है। इसी दरमियान एक शूटर कार के पास खडा होकर नज़दीक काफी नज़दीक से कार के अन्दर गोलियां चलाता रहता है। अन्दर घटना को बड़े ही आराम से अंजाम देते हुवे भागते समय हमलावर घर के अन्दर बम मारते है जिससे घर के अन्दर के सभी कैमरों में सिर्फ धुआ धुआ हो जाता है।

बाहर कार वैसे ही खडी हुई रहती है। हमलावर बाहर आते है और अपने अपने वाहनों से बड़े ही इत्मिनान के साथ चले जाते है। इस दरमियान भीड़ सडक के दोनों तरफ लगी रहती है। स्मरण करवाते चले कि यह मार्ग वाराणसी प्रयागराज को जोड़ने वाला मार्ग है और अतिव्यस्त सड़क है। सड़क पर खड़े वाहन आपको इसकी गवाही दे रहे होंगे। जिस इत्मिनान के साथ हमलवार घटना को अंजाम देते है और देकर बड़े ही इत्मिनान के साथ चले जाते है। पुलिस अन्य फालोअप फुटेज की जाँच करने में जुटी है। वही धूमनगंज थाने की पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठाना शूरु हो गया है।

बताते चले कि आज शाम लगभग 5 बजे बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की उनके घर के बाहर गोली और बम मार कर हत्या कर दिया गया है। सरकार के द्वारा गवाह के सुरक्षा हेतु उपलब्ध गनर भी गम्भीर रूप से घायल है। घायल गनर संदीप मिश्रा तथा राघवेंद्र सिंह का इलाज चल रहा है। जहा उनकी स्थिति अति गंभीर है। परिवार वालों का आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद के इशारे पर यह हमला हुआ है। पुलिस हमलावरों की पहचान की जा सके।

बताते चले कि प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को बीच सड़क पर बीएसपी के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। उसी हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल पर आज जानलेवा हमला हुआ है। इस हमले में उमेश पाल को गोली और बम लगे हैं। उल्लेखनीय है कि यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था। इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था। लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया। उस उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया था।

उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी। दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था।

पहले भी हो चूका है हमला

राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उमेश पाल को दुश्मन की नजर से देखने लगा। उन पर कई बार हमले की कोशिश हुई, लेकिन वे बच निकले थे। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद भी अतीक के गुर्गे उमेश के पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। उमेश ने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के तमाम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

दोनों मामले अब कोर्ट में चल रहे हैं। गुरुवार को भी उमेश ने अतीक गिरोह के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज कराई थी। अतीक गिरोह ने उमेश पर न सिर्फ हमले कराए और धमकियां दीं बल्कि 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में नामजद भी करवा दिया। हालांकि जांच में उमेश को बरी कर दिया गया।

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