ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा की प्रेस कांफ्रेंस और फिर चरमरा गई पुरे बनारस की बिजली व्यवस्था, खोखले साबित हो रहे है वाराणसी जिला प्रशासन के दावे, डीएम साहब…! लोहता और दालमंडी और अन्य जगहों की यह तस्वीरे बहुत कुछ बयाँ कर देगी

समस्त फोटो और स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी हमारे प्रतिनिधि शाहीन बनारसी, मो0 सलीम, हमारे सहयोगी अमीन सिद्दीकी ने उपलब्ध कराया जिनको देख कर ही समझा जा सकता है कि आवाम वाकई में परेशान है

तारिक आज़मी

वाराणसी: विद्युत कमियों की हड़ताल के बाद से बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है। शिवपुर में तो बृहस्पतिवार की रात एक बजे से बिजली गायब है। गर्मी अपने सर जहा एक तरफ उठा रही है। वही दुसरे तरफ पेयजल की किल्लत अलग होना शुरू हो गई। बृहस्पतिवार का के बाद जैसे ही शुक्रवार की सुबह जब अपनी नींद ही पूरी कर रही थी तो लगभग 3 बजे के करीब लोहता इलाके की बिजली गुल हो गई। ये दो बड़े इलाके ऐसे है लोहता और शिवपुर जहा की जनता को सबसे ज्यादा वक्त से बिजली की समस्या ने रुला रखा हुआ है।

वाराणसी के बेनियाबाग़ की एक छत से यह वीडियो आज शनिवार की रात 9 बजे का है, जो कह रहा है कि ‘अँधेरा कायम है’

बिजली की समस्या से निपटने के लिए हर जिले के प्रशासन ने बड़े दावे किये हुवे थे। दावे की क्या स्थिति है हर जनपद का तो नही मालूम है। मगर वाराणसी में इन दावो की असलियत हम सबके सामने है। कमोबेस हर शहर के हमारे प्रतिनिधियों ने ऐसी ही समस्याओं को हमसे बताया। वाराणसी के जिलाधिकारी ने दावा किया कि व्यवस्थाओं पर किसी तरीके का असर नही पड़ेगा और एक कंट्रोल रूम की स्थापना करके बिजली समस्याओं से अवगत करवाने और निस्तारण का वायदा भी किया। बाकायदा जिला सुचना कार्यालय ने इसको प्रचारित और प्रसारित भी किया। मगर स्थिति ऐसी है कि हम खुद लगभग 50 मर्तबा इस नम्बर पर कॉल किया मगर फोन नही उठाना था तो नही उठा।

दोनों हाथो में बाल्टी लेकर इसको कम से कम 200 मीटर जाना है. आखिर पानी चाहिए सबको ज़रूर तो ज़रूरत कैसे पूरी हो

बहरहाल, आज जब शनिवार की सुबह अंगडाई ले रही थी तो कई अन्य इलाके बिजली की समस्या के चपेट में एक एक करके आने लगे। माताकुंड, लल्लापुरा, सिगरा, सोनिया, पितार्कुंडा, नई सड़क, कोयला बाज़ार, छित्तनपुरा शाम होते होते शहर के आधे से अधिक इलाके बिजली की इस समस्या से ग्रसित हो गये। ख़ास तौर पर यह सब तब और भी तेज़ हुआ जब उर्जा मंत्री ए0 के0 शर्मा ने पत्रकार वार्ता करके अपने नज़रियो और अभी तक की कार्यवाही का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश  में बिजली हड़ताल की स्थित से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया। हाई कोर्ट ने भी सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।

शायद उम्मीद है कि अब पुलिस इस बात को देखे कि कौन सा फीडर कहा से शुरू होगा और बंद किस स्वीच से होगा

उन्होंने अभी तक की कार्यवाही के सम्बन्ध में बताया कि बिजली विभाग के 22 लोगो के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगो को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए है। कुछ बिजलीकर्मियों के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज कराई गई है। एस्मा के तहत कार्रवाई के साथ 6 लोगो को निलंबित कर उन्हें लखनऊ से बाहर सम्बद्ध करने के निर्देश दिए गए है। 1332 बिजली संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर हजारों संविदाकर्मियों को बर्खास्त किया जाएगा। संविदाकर्मियों को 4 घंटे की शाम 6 बजे तक मोहलत दी जाती है। शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर न लौटने वाले सभी संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया जाएगा। बर्खास्त संविदाकर्मियों की जगह पर प्रौद्योगिकी संस्थानों से जुड़े छात्रों की होगी नियुक्ति। उन्होंने इसका भी प्रारूप बताया कि पहले छात्रों को ट्रेनिंग और फिर की जाएगी उनकी संविदाकर्मी के रूप में तैनाती।

गिलट बाज़ार की यह तस्वीर कल शुक्रवार रात की है, बेचैन जनता सडको पर है

उन्होंने सभी जिले के डीएम्, एसपी/एसएसपी और पुलिस कमिश्नर को बधाई दिया। कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को कोई तकलीफ नही होनी चाहिए। इस पत्रकार वार्ता के बाद से वाराणसी शहर में ऐसा लगा जैसे लाइन लाइन में लग कर बिजली जा रही है। दोपहर दो बजे के बाद से सिलसिला ऐसा चला कि शायद ही शहर का कोई ऐसा इलाका होगा जहा अँधेरे ने अपना दामन न फैलाया हो। कंट्रोल रूम के जिस नम्बर पर जिलाधिकारी ने दावे किये थे उसकी स्थिति ऐसी है कि फोन ही नही उठता है। फिर बात होना तो दूर की बात रही। कल वाराणसी दौरे पर आये सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को भी इस अँधेरे से रूबरू होना पड़ा और वह वीडियो भी सामने आया जब बंद रोड लाइट्स के बीच उनका काफिला गुज़र रहा था।

ये तस्वीर लोहता के धमरिया इलाके की है पानी के लिए अपने नंबर की आस में बैठे लोग इस तस्वीर में आप बाल्टियां डब्बे न गिने बल्कि मज़बूरी गिन ले

इन सबके बीच तकलीफ तो आवाम को हो रही है जिसकी तकलीफ न हो का ज़िक्र पूर्व नौकरशाह और वर्त्तमान उर्जा मंत्री कर रहे थे। जिनके पास धन धन्य भरे है उनको बहुत ज्यादा दिक्कत नही है। जेनरेटर में तेल खर्च हो रहा है और सभी ज़रूरते पूरी हो रही है। मगर जिनके पास नही है उनका सोचे। हम आपको लोहता की तस्वीरे दिखाते है। लोहता इलाका गरीब बुनकर बाहुल्य इलाका है। यहाँ शुक्रवार की भोर से लाइट नही है। बिजली न होने के कारण पानी की समस्या विकराल हो चुकी है। मगर इनकी समस्या सुने तो सुने और देखे तो देखे कौन? क्योकि गरीबो की आवाज़ होती ही कितनी तेज़ है। शिवपुर के गरीबो की भी आवाज़ नही पहची हाँ ये बेशक था कि आज शाम तक कुछ अमीर आवाज़े पहुची होंगी जिसके वजह से एक घंटे के लिए लाइट आती है वह भी 42 घंटो के बाद और फिर वापस अँधेरा कायम हो जाता है।

इनके भरने का इंतज़ार और फिर इनको अपने घरो तक ले जाने की मेहनत ये मज़बूरी ही तो करवा सकती है

बद से बद्दतर स्थिति तो हुई है लोहता में, जहा आवाम पानी को तरस गई है। तस्वीरे दिखाई दे रही है कि किस तरीके से गरीबो को यहाँ तकलीफ उठानी पड़ रही है। ज़रूरत तो एक घूंट

लोहता में रात के घुप सियाह अँधेरे में भीड़ कम होने की उम्मीद से भी कुआ के पास लोग आये

पानी की ही है। बरसो से वीरान पडा हुआ कुआ आज आवाज़ देकर लोगो को अपने पास बुला बैठा कि आओ गरीबो पानी प्यास मुझसे बुझा लो। हैण्ड पम्प जो अधिकतर ख़राब हो चुके है में कुछ जुगाड़ से चालू किया गया। फिर दूर के लोग तो ट्राली लेकर आ रहे थे पानी भरने को। जिन घरो की महिलाए जल्दी बाहर नही निकलती है वह भी पानी के लिए भटकती दिखाई दे रही है।

बेशक थानाध्यक्ष राजकुमार पाण्डेय ने बहुत कोशिशे किया कि लोगो की मदद हो सके। उनसे जो बन पड़ा वह किया और कर भी रहे है। मगर इतने बड़े इलाके की प्यास बुझाना उनके भी अकेले के बस की बात तो हो नही सकती है। फिर उनके आह्वाहन और कुछ स्थानीय संपन्न लोगो की खिदमत-ए-खल्क के जज्बे ने अपनी मदद का हाथ खोला और किराय पर जेनरेटर मागवा कर उसके ज़रिये पानी की बोरिंग चला कर लोगो को पानी दिया। इस मुश्किल वक्त में यह जज्बा भी महंगा पड़ रहा है क्योकि जेनरेटर किराये पर देने वालो ने अपने दाम बढा दिए है। 1500 किराया और 500 रुपया तेल का। वह भी महज़ 4 घंटे के लिए। यानी 4 घंटे की खिदमत के लिए 2 हज़ार का खर्च।

मगर मंत्री जी, जिस आवाम को तकलीफ न हो का ज़िक्र आप पत्रकार वार्ता में कर रहे है वह आवाम तकलीफ में है इसको हम नही बल्कि आवाम कह रही है। खुद शिवपुर निवासी हमारे एक मित्र अधिवक्ता शिशिर सिंह ने हमसे बात करते हुवे बताया कि ‘आज अगर लाइट इस एक घंटे के लिए नहीं आती तो मुझको खुद पानी के हेतु जेनरेटर किराये पर मंगवाना आखरी रास्ता बचा था। इन सबके बीच हम सिर्फ ये सोच रहे है कि गरीबो का क्या होगा। उनका कौन पुरसाहाल है। इस एक घंटे को अगर निकाल दिया गये तो आज शनिवार की रात 1 बजे 48 घंटे हो जायेगे बगैर लाइट के। उनका सोचने वाला कौन है?’

इस दरमियान लहुराबीर, नई सडक, दालमंडी, कोयला बाज़ार, सोनिया, लक्सा, माताकुंड, लल्लापुरा, मैदागिन, मुकीमगंज, काली महल, शिवपुर, गिलट बाज़ार, मंडुआडीह, सोनारपूरा आदि इलाके में अँधेरे ने अपना राज कायम कर रखा है। बकिया बची हुई जगहों पर भी बजली की आंख मिचोली चल रही है। शायद आवाम की समस्याओ को लेकर जद्दोजेहद जारी है।

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