15 मिनट के अन्दर मंडुआडीह में 2 चेन स्नेचिंग करने वाला स्नेचर निखिल आखिर चढ़ ही गया मंडुआडीह पुलिस के हत्थे, ऐश-ओ-इशरत के लिए बनाया था स्नेचिंग को अपना पेशा

अनुराग पाण्डेय

वाराणसी: थाना मण्डुवाडीह पुलिस टीम द्वारा शातिर चेन स्नैचर निखिल उर्फ निरंजन को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से लूट की 01 अदद टूटी हुई चेन एवं घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल बरामद करने में सफलता प्राप्त किया है। मंडुआडीह थाना क्षेत्र में महज़ 15 मिनट में ही दो चेन स्नेचिंग कर पुलिस के इकबाल को चुनौती देने वाला दूसरा आरोपी फरार है। पुलिस उसके तलाश में दबिश दे रही है। वही गिरफ्तार आरोपी निखिल ने बताया कि वह अपनी ऐश-ओ-इशरत की ज़िन्दगी के लिए स्नेचिंग को अपना कारोबार बनाये हुवे था।

गिरफ्तार अभियुक्त निखिल उर्फ निरंजन पुत्र मदन महतो निवासी ग्राम करवत थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली का मूल निवासी है। पुलिस ने निखिल को कल देर शाम बरेका महिला डिग्री कालेज पास से गिरफ्तार उस समय गिरफ्तार किया था जब वह किसी स्नेचिंग हेतु मौके की तलाश में था। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से लूट की 01 अदद पीली धातु की टूटी हुई चेन व घटना में प्रयुक्त 01 अदद मोटर साईकिल बरामद की गयी। पुलिस ने विधिक कार्यवाही कर निखिल को अदालत में पेश किया जहा से अदालत द्वारा उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

गौरतलब हो कि 04।04।23 को अहले सुबह मंडुआडीह थाना क्षेत्र में एक नही बल्कि दो महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की घटना कारित कर बदमाशो ने पुलिस के इकबाल को चुनौती दिया था। एक स्नेचिंग घर के बाहर झाड़ू लगा रही महिला के साथ पता पूछने के बहाने हुई थी जबकि दूसरी स्नेचिंग लहरतारा पुल के पास मंदिर से वापस आते समय एक अन्य महिला से हुई ठी। महज़ 15 मिनट में दो चेन स्नेचिंग से वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस में हडकंप मच गया। दोनों मामले को दर्ज कर पुलिस विवेचना कर रही थी जिसके क्रम में यह गिरफ़्तारी हुई है।

शौक के लिए बना चेन स्नेचर

पूछताछ में निखिल ने पुलिस को बताया कि बऊँवा उर्फ प्रेमनरायन सिंह पुत्र स्व0 रघुनाथ सिंह उर्फ पप्पू निवासी सिकन्दरपुर थाना कोतवाली गाजीपुर हाल पता ग्राम करवत (एफसीआई वाले रोड पर हनुमान मन्दिर के पास चाय की दुकान) थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली रहता है, जो अक्सर चोरी/लूट/चेन छिनैती की घटनाओं को करता रहता है। मैं हमेशा उसको ब्रान्डेड कपड़े, जूते, चश्मा पहने देखता था तो मेरा भी मन उसी की तरह कपड़े, जूते, चश्मा पहनने को करता। धीरे-धीरे मेरी उससे मित्रता हो गयी तो उसने बताया कि सबसे आसान तरीका रुपया कमाने का है कि केवल यह देखो की कौन सी महिला सोने की चेन गले में पहनी है। सोना इतना महंगा है कि अगर एक चेन भी हम लोग किसी का छीन लेगे तो कम से कम पचास हजार रुपये का काम हो जायेगा और उसे बेचकर मिले रुपयो से कुछ दिन ऐशो-आराम की जिन्दगी जिया जायेगा।

निखिल ने बताया कि मुझे अपने मित्र बाबू उर्फ बऊँवा उर्फ प्रेमनरायन सिंह की यह बात अच्छी लगी और उसके रहन-सहन से भी मैं काफी प्रभावित था। मुझे भी ब्रान्डेड कपड़े आदि पहनने का शौक था इसलिए मैं उसकी बातों में आ गया और हम दोनों दिनांक- 04/04/2023 को भोर में चन्दौली से चुरायी गयी पल्सर मोटर साईकिल से जिसे आज आप लोगों ने मेरे पास से बरामद किया है उस पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर वाराणसी के लिए निकले। वाराणसी की गलियो के बारे में मुझे उतनी जानकारी नहीं थी लेकिन बाबू उर्फ बऊँचा उर्फ प्रेमनरायन सिंह को पूरी जानकारी थी। इसलिए हम लोग सुबह-सुबह वाराणसी आकर गलियों में घूम कर गले में चेन पहनी महिलाओं की रेकी कर रहे थे कि तभी ओवर ब्रीज ककरमत्ता के नीचे एक काफी उम्र दराज महिला अपने घर के सामने झाड़ू लगा रही थी और गले में चेन भी पहनी थी उसके गले का चेन मैने छीना था।

निखिल ने बताया कि फिर हम दोनों लोग पल्सर मोटर साईकिल से निकल कर गलियों से होते हुए रेलवे कालोनी लहरतारा में आकर कालोनी में टहलने वाली महिलाओं को देखा तो उसमें भी एक उम्र दराज महिला अपने गले में चेन पहन कर टहल रही थी। उसकी चैन भी हम लोगों ने ही छीनी थी। जो चेन रेलवे कालोनी लहरतारा से हम लोग छीने थे उसको मेरा साथी बाबू उर्फ बऊँचा उर्फ प्रेमनरायन सिंह लिया है। वह उसके हिस्से में आयी थी और जिस चैन को हम दोनो ने मिल कर ओवर ब्रिज के पास झाड़ू लगा रही महिला के गले से छिना था वह बटवारे मे मेरे हिस्से में आयी है जो मेरे पास है।

निखिल ने बताया कि हम लोगों को जिस भी महिला के गले से चेन छीनना होता है तो उसके नजदीक जाने के लिए किसी का पता पूछने के बहाने जाते हैं और जैसे ही मौका मिलता है उसके गले की चेन छिनकर फरार हो जाते है। घटना किये काफी दिन हो गया था और मेरा साथी बाबू उर्फ बऊँवा उर्फ प्रेमनरायन सिंह गर्मी में घूमने किसी दुसरे शहर गया हुआ है। गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक विमल कुमार मिश्र, उ0नि0 विजय प्रकाश यादव, शुभेन्द्रु दिक्षित, पंकज कुमार पाण्डेय, बलराम यादव, हे0का0 शत्रुघन सिंह, का0 आनन्द कुमार आदि शामिल थे।

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