कैग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य के तहत पंजीकृत 7.50 लाख लाभार्थियों के एक ही मोबाइल नंबर

शाहीन बनारसी

डेस्क: दुनिया की सबसे बड़ी स्वाथ्य सुरक्षा स्कीम, आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में कैग ने एक बड़ी अनियमितता पकड़ी है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में अनियमितताओं को उजागर किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि लगभग 7 लाख 50 हज़ार लाभार्थीयो का एक ही फोन नंबर- 9999999999 से रजिस्टर्ड हुवे है। यही नही 1 लाख 39 हज़ार लोगो के नंबर 8888888888 तथा 96 हजार लोगो के नंबर 9000000000 है।

सोमवार को लोकसभा में पेश आयुष्मान भारत-PMJAY के प्रदर्शन पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने कहा कि कुल मिलाकर, योजना के लाभार्थी पहचान प्रणाली में 7,49,820 लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए थे। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है, ‘BIS डेटाबेस के डेटा विश्लेषण से पता चला कि बड़ी संख्या में लाभार्थी एक ही या अमान्य मोबाइल नंबर पर पंजीकृत थे। कुल मिलाकर, 1,119 से 7,49,820 लाभार्थी BIS डेटाबेस में एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए थे।’

9999999999 फोन नंबर से जुड़े 7,49,820 लाभार्थियों के अलावा, 1,39,300 लाभार्थी 8888888888 फोन नंबर से जुड़े हुए थे; और 96,046 अन्य लोग 9000000000 फोन नंबर से रजिस्टर्ड थे। रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 20 फोन नंबर ऐसे थे, जिनसे 10,001 से 50,000 लाभार्थी जुड़े हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 787 करोड़ लाभार्थी परिवार पंजीकृत हैं, जो 10।74 करोड़ (नवंबर 2022) के लक्षित परिवारों का 73% है। बाद में सरकार ने लक्ष्य बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डेटाबेस में किसी भी लाभार्थी से संबंधित रिकॉर्ड खोजने के लिए मोबाइल नंबर जरूरी है, जो बिना आईडी के भी रजिस्ट्रेशन डेस्क से संपर्क कर सकते हैं। ई-कार्ड खो जाने की स्थिति में लाभार्थी की पहचान करना भी मुश्किल हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल सकता है। साथ ही एडमिशन से पहले और बाद की जानकारी से भी इनकार किया जा सकता है, जिससे उन्हें असुविधा हो सकती है।’

कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने ऑडिट पर सहमति जताते हुए कहा (अगस्त 2022) कि BIS 2.0 के आने के बाद इस मुद्दे का हल हो जाएगा। इसके अलावा, BIS 2।0 प्रणाली को इस तरह से बनाया गया है कि एक निश्चित संख्या से अधिक परिवार एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग न कर सके। इससे ‘रैंडम नंबर’ दर्ज करने पर रोक लगेगी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मोबाइल नबंर में अनियमितता के मामले सामने आए हैं।’

पर्याप्त सत्यापन नियंत्रण के अभाव में, लाभार्थी डेटाबेस में खामियां देखी गईं, जैसे अमान्य नाम, अवास्तविक जन्मतिथि, डुप्लिकेट PMJAY आईडी, घर में परिवार के सदस्यों का अवास्तविक आकार आदि। CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 मामलों में, 18 आधार नंबर पर दो रजिस्ट्रेशन किए गए और तमिलनाडु में 7 आधार नंबरों पर 4,761 रजिस्ट्रेशन किए गए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डेटा विश्लेषण से पता चला है कि 43,197 घरों में, परिवार का आकार 11 से 201 सदस्यों तक अवास्तविक था।’ CAG ने रिपोर्ट में कहा गया है, ‘BIS डेटाबेस में एक घर में ऐसे अवास्तविक सदस्यों की उपस्थिति न केवल लाभार्थी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आवश्यक सत्यापन नियंत्रण की कमी को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संभावना है कि लाभार्थी दिशानिर्देशों में परिवार की स्पष्ट परिभाषा की कमी का फायदा उठा रहे हैं।’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘NHA ने ऑडिट को स्वीकार करते हुए कहा (अगस्त 2022) कि राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी इकाई ने सत्यापित डेटा में विसंगतियों को उजागर करते हुए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को समय-समय पर रिमाइंडर्स भेजे हैं। हालांकि, ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ राज्य का विषय है, इस संबंध में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है।’ CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इसके अलावा, NHA 15 से अधिक सदस्यों वाले किसी भी लाभार्थी परिवार के मामले में ‘सदस्य जोड़ने’ के फंक्शन को डिसेबल करने की नीति बना रहा है।’

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