संसद का विशेष सत्र: बोले पीएम मोदी- ‘पुराने सदन से विदाई लेना भावुक पल है’, पंडित नेहरु से लेकर मनमोहन सिंह का किया ज़िक्र

तारिक़ खान

डेस्क: संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कि कहा कि संसद में जो कुछ हुआ, वह हमारी साझी विरासत है। उन्होंने कहा, “सदन से विदाई लेना, यह एक बहुत ही भावुक पल है। परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है, तो बहुत सारी यादें, कुछ पल के लिए उसको झकझोर देती हैं। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन-मस्तिष्क भी उन यादों से भरा हुआ है। “खट्टे-मीठे अनुभव भी रहे हैं। नोकझोंक भी रही। कभी संघर्ष का तो कभी इसी सदन में उत्सव और उमंग का माहौल भी रहा है। ये सारी स्मृतियां हमारी साझी हैं। ये साझी विरासत है और इसका गौरव भी हम सबका साझा है।”

पीएम मोदी ने उस पल को भी याद किया जब वे पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार सांसद के रूप में मैंने इस भवन में प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद के दरवाजे पर अपना शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए पैर रखा था। “वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है, भारत के सामान्य मानव की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब बच्चा संसद पहुंच गया। मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा, इतना आर्शीवाद देगा, इतना प्यार देगा। सोचा नहीं था।”

संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय इतिहास में योगदान के लिए जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ। मनमोहन सिंह तक का ज़िक्र किया है। उन्होंने कहा, “इन 75 सालों में हमारी संसद, जन-भावनाओं की अभिव्यक्ति का भवन भी बनी है। हम देखते हैं कि राजेंद्र बाबू से लेकर डॉ0 कलाम, रामनाथ कोविंद जी और अभी द्रोपदी मुर्मू जी। इन सबके संबोधन का लाभ हमारे सदनों को मिला है। “उनका मार्गदर्शन मिला है। आदरणीय अध्यक्ष जी, पंडित नेहरू जी, शास्त्री जी, वहां से लेकर अटल जी, मनमोहन सिंह जी तक, एक बहुत बड़ी श्रंखला, जिसने इस सदन का नेतृत्व किया है और सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रुप में ढालने के लिए परिश्रम किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का भी अवसर है।”

उन्होंने कहा, “सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया जी, चंद्रशेखर जी, आडवाणी जी, न जाने अनगिनत नाम, जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने में, देश के सामान्य से सामान्य व्यक्ति की आवाज को ताकत देने का काम, इस सदन में किया है।” पीएम मोदी ने कहा, “उमंग, उत्साह के पल के बीच कभी सदन की आंख से आंसू भी बहे। ये सदन दर्द से भर गया, जब देश को तीन प्रधानमंत्रियों को उनको कार्यकाल में ही खोने की नौबत आई, जिसमें नेहरू जी, शास्त्री जी और इंदिरा जी थीं। तब इस सदन ने आंसूभरी आंखों से उन्हें विदाई दी।”

“इसी सदन ने मनमोहन सिंह जी की सरकार में कैश फॉर वोट कांड को भी देखा है। सबका साथ सबका विकास के मंत्र ने अनेक ऐतिहासिक निर्णय, दशकों से लंबित विषयों का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ है। आर्टिकल 370 को लेकर सदन हमेशा गर्व के साथ कहेगा कि यह इस काल में हुआ। वन नेशन, वन टैक्स, जीएसटी का निर्णय भी इसी सदन ने किया। वन रैंक, वन पेंशन भी इसी सदन ने देखा। गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बिना किसी विवाद के पहली बार इस देश में किया गया।”

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