हेलीकाप्टर हादसे में हुआ ईरान के राष्ट्रपति रईसी का ‘इन्तेकाल’, मशहद में होंगे दाफीन, जाने कौन है मोहम्मद मोखबर जो बने ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति और क्या कहता है राष्ट्रपति पद के लिए ईरान का सविधान

शाहीन बनारसी

डेस्क: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकाप्टर हादसे में इन्तेकला हो गया है। उनके साथ शिया मुसलमानों के सबसे पवित्र शहर मशहद की मस्जिद के ईमान और अजरबैजान के गवर्नर का भी इस हादसे में इन्तेकाल हो गया है। खबर की पुष्टि ईरानी मीडिया ने किया है। अब सभी के दाफीन किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी आ रही है।

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके साथ यात्रा कर रहे लोगों की मय्यत मंगलवार को तेहरान ले जाया जाएगा। ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी के मुताबिक़ इब्राहिम रईसी और उनके साथ सफर कर रहे लोगों के शवों को दफ़न करने के लिए तबरेज़ से तेहरान ले जाया जाएगा। पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के इस्लामिक प्रोपागैंडा के महानिदेशक के मुताबिक़ ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू अयातुल्लाह ख़ामेनेई बुधवार को दुआ करेंगे।

बताया गया है कि इब्राहिम रईसी को गुरुवार को मशहद में दफ़नाया जाएगा। यह वही शहर है जहां साल 1960 में रईसी का जन्म हुआ था। इसी शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। इस हादसे में मारे गए तबरेज़ शहर के इमाम को तबरेज़ शहर में जबकि पूर्वी अज़रबैजान के गवर्नर को मारागेह शहर में दफ़नाया जाएगा। ईरान के अधिकारी, राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार को लेकर तैयारियां कर रहे हैं।

वही दूसरी तरार मोहम्मद मोखबर को ईरान का अंतरिम राष्टपति नियुक्त किया गया है। वह वर्त्तमान में उपराष्ट्रपति थे। ईरान में 1989 में प्रधानमंत्री के पद को ख़त्म कर दिया गया था। ईरान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार, राष्ट्रपति की मृत्यु की स्थिति में, उपराष्ट्रपति ‘नेतृत्व की मंजूरी के साथ, राष्ट्रपति की शक्तियों और जिम्मेदारियों को ग्रहण करते हैं।’

कौन है मुहम्मद मोखबर

इब्राहिम रईसी के उप राष्ट्रपति बनने से पहले, मोहम्मद मोख़बर लगभग 15 सालों तक फ़रमान इमाम नामक संस्था के कार्यकारी स्टाफ़ के प्रमुख थे। इस संस्था को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इमाम ख़ुमैनीज़ ऑर्डर या सेताद के नाम से जाना जाता है। फ़रमान इमाम ईरान की एक बेहद ताक़तवर संस्था है जो देश के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई के सीधे नियंत्रण में है। देश की अमीर संस्थाओं में से एक, फ़रमान इमाम सिवाय सुप्रीम लीडर के, किसी और के प्रति जवाबदेह नहीं है। मोख़बर ईरान के कई जाने-माने कट्टरपंथियों को मात देकर उपराष्ट्रपति बने। उसके बाद उन्हें देश की आर्थिक स्थिति को व्यवस्थित करने के लिए ‘रेज़िस्टेंस इकोनॉमी हेडक्वार्ट्स’ के प्रमुख का पद दिया गया। मगर इस पद पर उनकी परफार्मेंस  कोई ख़ास नही रही।

मोहम्मद मोख़बर का जन्म साल 1955 में ईरान के ख़ुजेस्तान प्रांत के देज़फुल शहर में हुआ था। यही वजह है कि उनके नाम के आगे कई बार उनके जन्म स्थान का नाम भी जोड़ दिया जाता है। उनका परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का था और उनके पिता, शेख़ अब्बास मोख़बर एक उपदेशक और मौलवी थे। वे एक समय के लिए देज़फुल के अस्थायी इमाम भी रहे थे। मोहम्मद मोख़बर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई देज़फुल में की। उसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अहवाज़ गए।

ईरानी मीडिया के मुताबिक उनके पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री है। मीडिया के मुताबिक मोख़बर ने प्रबंधन और आर्थिक विकास में डॉक्टरेट भी की है। इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून में पीएचडी भी की है। 1979 की क्रांति से पहले उनकी गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन हमामिहान अखबार में छपे एक लेख के मुताबिक वे मोहम्मद जहांआरा, अली शामखानी, मोहसिन रेजाई, मोहम्मद फरूजांदेह और मोहम्मद बाकर जुल्कादर जैसे लोगों के साथ मंसूरुन समूह के सदस्य थे।

ये समूह जो खुज़ेस्तान में बना था और ईरान की पहली सरकार के खिलाफ सक्रिय था। खुज़ेस्तान में इस्लामिक रिपब्लिकन गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) की स्थापना के बाद, उन्हें देज़फुल में आईआरजीसी के स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। 1980 के दशक में चले ईरान-इराक युद्ध के के दौरान मोख़बर इसी पद पर रहे। ईरान-इराक़ युद्ध की समाप्ति के बाद मोख़बर, देज़फुल टेलीकम्युनिकेशन कंपनी के सीईओ, खुज़ेस्तान प्रांत की टेलीकम्युनिकेशन कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और फिर इसी कंपनी के सीईओ बने।

वे कुछ समय के लिए खुज़ेस्तान के डिप्टी गवर्नर भी रहे। उसके बाद वे तेहरान गए। जब उन्हीं के प्रांत ख़ुजेस्तान से आने वाले मोहम्मद फ़रुज़ान्दे देश के राष्ट्रपति बने तो मोख़बर को मुस्तफ़ाफ़न फाउंडेशन के परिवहन और वाणिज्य के डिप्टी जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया। कहा जाता है कि इस दौरान मोख़बर ने तुर्कसेल नामक मोबाइल फ़ोन कंपनी की जगह, ईरान सेल कंसोर्टियम में दक्षिण अफ्रीकी एमटीएन कंपनी को जगह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

ये मामला काफ़ी विवादित रहा था। बाद में उन्हें इसी ईरान सेल कंसोर्टियम के निदेशक मंडल के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा मोहम्मद मोख़बर सिना बैंक के निदेशक मंडल के अध्यक्ष थे। ये बैंक मुस्तफ़ान फाउंडेशन की देखरेख में संचालित होता था।

किया कैबिनेट की पहली बैठक

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में हुई मौत के बाद अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद मोख़बर ने पहली कैबिनेट बैठक की है। कैबिनेट बैठक के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वे लोगों को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मोख़बर ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना को ‘गंभीर घटना’ बताते हुए कहा कि इससे सरकार का काम प्रभावित नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘इस घटना के बावजूद सभी को अपना काम करते रहना चाहिए। यह दुखद घटना किसी भी तरह से सरकार और हमारे देश के कामकाज को प्रभावित नहीं करेगी।’ उप राष्ट्रपति मोख़बर को चुनाव तक राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी दी गई है। ईरान के संविधान के मुताबिक उप राष्ट्रपति अधिकतम पचास दिनों की अवधि के भीतर एक नए राष्ट्रपति के चुनाव की व्यवस्था करने के लिए बाध्य हैं।

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