आफताब फारुकी
कोर्ट ने एकलपीठ के फैसले को बरकरार रखा है। एकलपीठ ने अल्पसंख्यक कालेजों को तकनीकी प्रशिक्षण कोर्स में 50 फीसदी सीटें अपनी मर्जी तथा शेष 50 फीसदी केन्द्रीय काउंसिलिंग से भरने का निर्देश दिया था। साथ ही 90 दिनों में गलत प्रवेश लिये छात्रों की जमा फीस मय ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया था। संस्थानों का कहना था कि अल्पसंख्यक संस्थाओं को अपनी मर्जी से छात्रों का प्रवेश लेने व प्रबंधन का अधिकार है। शिक्षा अधिकारी उसके संवैधानिक अधिकारां में हस्तक्षेप कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकारी सहायता ले रहे कालेजों को शिक्षा गुणवत्ता के नियम मानने होंगे।
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