तारिक जकी/आदिल अहमद
भोपाल: भाजपा नेता चुनावी बयार में अब खुल्लम खुल्ला धमकियाँ देना शुरू कर दिये है, इस कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में जिला कलेक्टर को धमकी दे डाली। शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि छिंदवाड़ा के उमरेठ में उनके हेलीकॉप्टर को उतरने की मंजूरी नहीं दी गई। इसके बाद वह सड़क के रास्ते वहां गए और रैली को संबोधित किया। रैली में शिवराज सिंह ने कलेक्टर को धमकी देते हुए कहा कि बंगाल में ममता दीदी, वो नहीं उतरने दे रही थीं। ममता दीदी के बाद कमल नाथ दादा। ये पिट्ठू कलेक्टर सुन ले रे, हमारे दिन भी जल्दी आएंगे। तब तेरा क्या होगा?’ शिवराज सिंह को पांच बजे के बाद हेलीकॉप्टर उतारने की मंजूरी नहीं दी गई थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक चौहान को 5।30 बजे लैंड करना था, लेकिन उन्हें बाद में सूचना दी गई कि वह पांच बजे तक ही लैंड कर सकते हैं, उसके बाद वह लैंड नहीं कर पाएंगे। चौहान ने मीडिया से कहा, ‘मुझे 5।30 बजे उमरेठ पहुंचना था। लेकिन मेरे स्टाफ को जानकारी दी गई कि मैं वहां पांच बजे तक लैंड कर सकता हूं, वरना वो मेरा हेलीकॉप्टर नहीं उतरने देंगे। चौहान इसके बाद सड़क के रास्ते वहां पहुंचे।
इसके बाद मीडिया द्वारा मामले को उठाये जाने से होती भाजपा की फजीहत के बाद शिवराज ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा मैं सभा कर रहा हूं दूसरे प्रदेश में अपने प्रदेश के दूसरे हिस्सों में कहीं ऐसा नहीं हुआ कि 5 बजे तक हेलीकॉप्टर उतारो मुझे हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति जो निर्धारित समय है 6 बजे तक दी जाए लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई। आग्रह नहीं सुना गया और हमें विवश किया गया कि 5 बजे तक ही हेलीकॉप्टर उतारो नहीं तो उतरने नहीं देंगे। इसलिये हमें मजबूर होकर मैंने तय किया कि मैं हेलीकॉप्टर छोड़ूंगा, क्योंकि गुड़मंडी में जनता से मुझे बात करनी थी।
वही दूसरी तरफ इस प्रकरण पर छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि हमने कानून के मुताबिक काम किया, हेलीकॉप्टर को 10 से 5 बजे के बीच उतरने की इजाजत होती है लेकिन हमसे 5:20 मिनट पर संपर्क किया गया इसलिये हमने लैंडिंग की इजाज़त नहीं दी।
वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा उड्डयन विभाग के परिपत्र के अनुसार उन हवाई पट्टियों में जहां नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं होती है। वहां शाम 5 बजे तक ही उड़ान भरने व लैंडिंग की अनुमति प्रदान की जाती है। अधिकारियों ने नियम का पालन किया। लेकिन लगता है कि शिवराज सिंह जी को अभी भी सत्ता का गुमान है। वे प्रदेश के 13 वर्ष तक सीएम रहे है। शायद इसी कारण वो अपने सत्ता के नशे में अभी भी चूर है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से किसी अधिकारी को धमकी देना कही से न्यायोचित नही है। मामले में चुनाव आयोग को संज्ञान लेने की ज़रूरत है।
मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहा एक तरफ भाजपा समर्थक कलेक्टर को गलत ठहराकर बयान को सही साबित करने में अपने पसीने बहा रहे है। वही सेक्युलर यूज़र्स और रानीतिक दल लगातार इस मामले में शिवराज की निंदा कर रहे है।
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