शाहीन बनारसी
वाराणसी। अल्हड मस्ती के लिए जाना जाने वाला शहर बनारस, भोले बाबा की नगरी काशी, विभिन्न घाटो के लिए जाना जाने वाला शहर वाराणसी, केवल इन्ही नामो से नहीं बल्कि ट्रैफिक के नाम से भी प्रसिद्ध होती चली जा रही है। मोक्ष की नगरी काशी में मोक्ष पाना तो आसान है मगर ट्राफिक जाम से निजात पाना मुश्किल होता जा रहा है। बनारस के किस मोड़, किस गली और किस सड़क पर ट्रैफिक मिल जाए गुरु, ये तो हम बनारसी भी नहीं जानते। लेकिन बाहर से घुमने आये शहर बनारस में लोग इस समय सुबह-ए-बनारस नहीं बल्कि जाम-ए-बनारस के दर्शन कर रहे है।
आज आपको इस जाम के झाम की कुछ तस्वीरे दिखाते है। ये तस्वीरे बिशेश्वरगंज की है। एक तरफ जहा शासन और प्रशासन अतिक्रमण पर सख्त होने की बात करता है है वही यहाँ के व्यापारी इस इस आदेश को ठेंगे पर रखकर खुद अतिक्रमण कर बैठे है। देखिये ये भाई साहब को, दूकान इनकी अन्दर 15 फिट होगी तो बाहर इन्होने 8 फिट निकाल रखा है। इनको इससे फर्क नही कि इनके कारण जाम लगता है। इनको सिर्फ इससे मतलब है कि इनका माल स्टॉक हो सके और सड़क पर ही डिस्प्ले हो सके। उसके ऊपर कोढ़ में साहब खाज ये कर बैठते है। खुद 5 फुट दूकान बाहर निकाल लिए है और उसके बाद ट्राली बाहर खडी करके उसके ऊपर माल लोड होता रहता है। जिसके बाद आधे सड़क पर सिर्फ इनका ही राज हो जाता है।
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