अदालत ने कायम किया इन्साफ के रफ़्तार की नजीर, महज़ तीन माह के अन्दर दुष्कर्मी हत्यारे को सुनाया सजा-ए-मौत का हुक्म

शाहीन बनारसी

हाथरस। बेशक हम अपने मुल्क की कानून व्यवस्था पर कई बाते करते रहते है। इन्साफ की लड़ाई में सुस्त रफ़्तार की बाते हम कहते है। मगर हमारे मुल्क में अदालतों ने कई फैसले ऐसे भी सुनाये है जो इन्साफ के लिए नजीर कायम कर चुके है। ऐसा ही एक फैसल पिछले दिनों हाथरस की एक अदालत ने कायम किया और महज़ तीन माह के अन्दर मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुवे उसको सजा मुक़र्रर कर दिया है। अदालत ने हत्यारे कुकर्मी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई है साथ में उसको अर्थदंड से भी दण्डित किया है।

गौरतलब हो कि हाथरस जंक्शन थाना क्षेत्र के कस्बा मेंडू निवासी 10 वर्षीय एक बच्ची का शव 23 अगस्त 2021 को बहदोई के निकट नहर में बहता मिला था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया था तो यह बात सामने आई थी कि 22 अगस्त को यह बच्ची अपने अन्य परिजनों के साथ खाली प्लाट में सो रही थी। पुलिस के अनुसार इसी दौरान चंद्रपाल पुत्र गंगाराम निवासी महमूदपुर थाना सिकंदराराऊ बच्ची को रात्रि में जबरिया अपने साथ ले गया। उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद चंद्रपाल ने बच्ची के शव को नहर में फेंक दिया था।

आरोपी चंद्रपाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचना अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ विशेष न्यायालय (पोक्सो अधिनियम) में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसके बाद अदालत ने इन्साफ की रफ़्तार में एक नजीर कायम कर आरोपी को अपनी सफाई का पूरा मौका देते हुवे उसको दोषी करार दिया और मृत्युदंड की सजा सुनाई है।

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