ज्ञानवापी (आलमगिरी) मस्जिद में हुई शांतिपूर्वक नमाज़-ए-जुमा और अस्र की नमाज़, मस्जिद में उमड़ी नमाजियों की भारी भीड़, नमाजियों की मीडिया से नाराजगी हुई ज़ाहिर, नही किया किसी ने भी मीडिया से बात
ईदुल अमीन/अजीत शर्मा
वाराणसी: वाराणसी की शाही मस्जिद आलमगीरी मस्जिद याने ज्ञानवापी मस्जिद में आज नमाज़-ए-जुमा अदा करने के लिए नमाजियों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। मस्जिद कमिटी के एलान के बावजूद आज लगभग एक हज़ार नमाजियों ने नमाज़-ए-जुमा शाही मस्जिद आलमगीरी यानी ज्ञानवापी मस्जिद में अदा किया।
इस दरमियान प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था। जब मस्जिद पूरी भर गई और किसी की जगह नही थी तो लगभग 20 मीटर पहले ही रास्ते में नमाजियों को इसकी इत्तला प्रशासन ने करके उन्हें किसी अन्य मस्जिद में नमाज़ पढने की सलाह दिया। आज इसी वजह से मस्जिद बीबी रज़िया में भी नमाजियों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा था।
पुरसुकून तरीके से मस्जिद में नमाज़ मुकम्मल होने के बाद कुछ नमाज़ी मस्जिद में रुके हुवे थे। जिनको प्रशासन ने घर जाने और नमाज़ के वक्त आने को कहा तथा मस्जिद खाली करवाया। इस दरमियान नमाजियों में खासी नाराजगी मीडिया के लिए दिखाई दी। मीडिया के ऊपर वह इस लिए नाराज़ दिखाई दे रहे थे कि मीडिया इस मेल को बेवजह तुल दे रहा है और मामले में सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहा है। मीडिया ने कोशिश किया नमाजियों से बात करने के लिए मगर नमाज़ी बात करने को तैयार नही हुवे तो इसके लिए मीडिया ने जुगाड़ लगा लिया।
कुछ मीडिया कर्मियों के द्वारा छपास रोग से ग्रसित दालमंडी के एक भाजपा नेता जो अभी पिछले जुमे के दिन भी मस्जिद के सामने आकर खड़े होकर बयान देने लगे थे और इस वजह से उन्हें नमाजियों की नाराज़गी झेलनी पड़ी थी को बुला कर उनका बयान लिया। भले नेता जी एक वक्त की नमाज़ नही पढ़ते है मगर सर पर टोपी लगा कर कैमरे पर अपने छपास रोग का इलाज करते दिखाई दिए।
इस दरमियान कुछ नमाजियों से हमने बात किया और उनका मीडिया के मुताल्लिक ऐसा नाराज़गी भरा नज़रिया क्यों है जानने की कोशिश किया तो उन्होंने कहा कि मीडिया मामले में सिर्फ सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहा है। देश के मुद्दों को छोड़ कर मंदिर मस्जिद की बाते कर रहा है। आखिर ऐसे में हम उनको अपना ब्यान क्यों दे? मदनपुरा निवासी एक नमाज़ी ने एक न्यूज़ चैनल का नाम लेते हुवे कहा कि उनका बयान दो दिनों पहले उस चैनल ने लिया था। मैंने सच बोल दिया तो मेरा बयान टीवी पर नही दिखाया गया जबकि जो दुसरे पक्ष की बाते बोल रहे थे सिर्फ उनका बयान दिखाया गया। ऐसे पक्षपात करने वाले मीडिया से क्या बात करना?
बहरहाल, ज्ञानवापी मस्जिद में जहा भारी हुजूम के साथ नमाज़-ए-जुमा मुकम्मल हुई, वही दोपहर बाद नमाज़-ए-अस्र के लिए भी नमाजियों की तायदात काफी रही और काफी नमाजियों ने पुरसुकून तरीके से नमाज़ अदा किया। शहर बनारस अमन-ओ-सुकून के साथ अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी जी रहा है। बेशक इन सनसनी के बीच होलसेल मार्किट ठप पड़ गई है। वही रिटेल पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। बनारस अपनी मस्ती की ज़िन्दगी जी रहा है।