मो0 कुमेल
कानपुर: उर्सला की ये हरकत बेशक शर्मसार कर देने वालो है। बात गुरुवार की है जब दादानगर निवासी विधवा महिला अपने चार साल के बेटे अनुभव का इलाज कराने उर्सला इमरजेंसी आई थी। बच्चे पर अल्मारी गिरने से वह बेसुध हो गया था। यहां तैनात डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती करने के बजाय एक्सरे कराने को भेज दिया था। जब महिला एक्सरे करवा कर लाई तो डॉक्टर चले गए। बड़ी मुश्किल से दूसरे डॉक्टर मिले, तो उन्होंने बच्चे को देखते ही हैलट ले जाने को कह दिया था। इस तरह एक मासूम बच्चे को लेकर माँ भटकती रही और डाक्टर उसको टरकाते रहे।
कार्रवाई के बाद शुक्रवार को उर्सला इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज की व्यवस्था में सुधार नजर आया। मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण, इलाज के साथ ही गंभीर मरीजों को हैलट रिफर करते समय रिफर लेटर में ट्रीटमेंट का उल्लेख भी किया गया, जबकि पहले आमतौर पर इमरजेंसी के डॉक्टर गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार देना तो दूर बिना छूए ही कागज में रिफर टू एलएलआर (हैलट रिफर) लिखकर टरका देते थे। हालांकि, यह सख्ती कुछ दिनों की ही है। लगातार निगरानी न होने से डॉक्टर लापरवाही बरतते हैं।
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