Health

हे धरती के भगवान, तू इतना पत्थर दिल क्यों है? : बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल में आंसू बहाता, मिन्नतें करता एक पिता घंटो भटकता रहा, नही मिला इलाज तो बुलवा लिया उसने पुलिस

 शाहीन बनारसी (इनपुट-साहिल खान)

आगरा। मुहब्बत की नगरी आगरा में आज एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टर जो समाज का एक अभिन्न अंग होता है जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर जिसका पहला फ़र्ज़ होता है अपने मरीज़ की सेवा करना उसकी देखभाल करना क्योकि जब भी कोई मरीज़ डॉक्टर के पास आता है तो वह इस विश्वास और उम्मीद के साथ आता है कि डॉक्टर उसे ठीक कर देगा और उसका उचित इलाज करेगा। मगर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरो का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जान आप का दिल भी सिहर उठेगा।

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में एक पिता अपने बच्चे को लेकर एक घंटे से भटक रहा था मगर उसके बच्चे को कोई इलाज नहीं मिला। बच्चे का पिता रो भी रहा था मगर पिता को रोते देख भी डॉक्टरों का दिल नहीं पिघला। एक घंटे तक भटकने पर भी जब बच्चे को इलाज नहीं मिला तो पिता ने पुलिस बुला ली। बच्चे के सिर में चोट थी। पिता का आरोप था कि न बच्चे को भर्ती किया जा रहा है न कोई सही जवाब दे रहा है। पिता को रोते देखकर भीड़ भी जुट गई। पुलिसकर्मी पहुंचे और बच्चे को चिकित्सक के पास ले गए। सिर की चोट की जांच कराई। पिता का आरोप है कि बच्चे को भर्ती फिर भी नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट तीन दिन बाद आने की कहकर टहला दिया गया।

बताते चले कि एसएन में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे कोटला की बगीची निवासी से पप्पू अपने 7 साल के बेटे कान्हा को लेकर पहुंचे। कान्हा के सिर में चोट लगी थी। बच्चे को लेकर वह भटकते रहे। पर्चा काउंटर और अन्य जगह पूछताछ की, लेकिन कहीं से सही जवाब नहीं मिला। करीब एक घंटा तक भटकने पर भी बच्चे को भर्ती नहीं किया गया तो उन्होंने 112 नंबर डायल कर शिकायत की। सिपाही पहुंचे और जानकारी कर बच्चे के सिर का एमआरआई और अन्य टेस्ट कराए गए। टेस्ट रिपोर्ट तीन दिन में आने की कही बात गई।

पप्पू का आरोप है कि दो दिन पहले भी अस्पताल आए थे। आज भी बच्चे को भर्ती नहीं किया गया। रिपोर्ट आने तक बच्चे की तबीयत अगर खराब हो जाती है, तो उनके लिए काफी मुश्किल हो जाएगी। एक साल पहले ऐसी ही परिस्थितियों में इलाज नहीं मिलने से उनकी बेटी का देहांत हो चुका है। एसएन मेडिकल कॉलेज में अपनी पत्नी के साथ बैठे पप्पू अपनी पीड़ा बताते हुए रो पड़े। आसपास बैठे मरीजों और तीमारदारों ने उनको दिलासा दिया। पप्पू का कहना है कि बेलदारी का काम करता है। इतना पैसा नहीं है कि बच्चे को किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाता। यहां उसको इधर से उधर टहलाया जा रहा है। बच्चे को भर्ती नहीं कर रहे। इस बीच मां बच्चे को गोद में लिए उसके सिर पर हाथ फेरती रहीं।

वही इस मामले में एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मरीज को भर्ती करना चाहिए था। मैं अपने स्तर से इस पूरे मामले को देखूंगा। भविष्य में किसी दूसरे मरीज के साथ ऐसा नहीं हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

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