Varanasi

एक्सीडेंट या हत्या का प्रयास? वो तो पुलिस जांच का विषय है, मगर भेलूपुर इस्पेक्टर साहब रसूखदार की कार के चपेट में आया ये पैदल राहगीर कौन है ? कहा है? किस हाल में है?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित महमूरगंज पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले आरपीएफ बैरक के समीप सड़क पर उल्टी दिशा में आकर बेहद तेज़ रफ़्तार एक कार सवार ने बाइक से जा रहे दो युवकों को सामने से टक्कर मार दिया। टक्कर में बाइक सवार दोनों युवक बुरी तरह से घायल हो गए।

दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई बाइक बताती है कि टक्कर कितनी ज़बरदस्त थी। मौके पर चंद लम्हो में ही पुलिस पहुची और घायलों को अस्पताल भेजा

दोनों का उपचार निजी चिकित्सालय में चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। दुर्घटना करने वाले कार का संबंध एक बड़े ही रसूखदार घराने से बताया जा रहा है। इस कथित रोड एक्सीडेंट में भेलुपुर पुलिस ने रात तक तो मिली तहरीर पंजीकृत नही किया था। अब देर रात क्या हुआ इसकी जानकारी नही निकल पाई है।

घायल युवक आषुतोष तिवारी की माँ द्वारा दिली पुलिस को तहरीर

इस दुर्घटना में घायल युवक चांदपुर के बजरंग नगर निवासी राजकुमार के बेटे आशुतोष तिवारी की की माँ ममता तिवारी ने पुलिस को दिली तहरीर में आरोप लगाया है कि उनका बेटा आशुतोष तिवारी अपने मित्र के साथ स्प्लेंडर बाइक से आज दोपहर लगभग पौने 1 बजे महमूरगंज पुलिस चौकी से मंडुआडीह स्टेशन के आगे आरपीएफ बैरिक के बाहरी सड़क से गुज़र रहा था तभी एक कार संख्या UP-32-MY-3600 जिसको जज कालोनी निवासी मनोज सिंह का बेटा सृजन सिंह चला रहा था से मनोज सिंह और अन्य उल्टी दिशा में तेज रफ्तार के साथ आये और मनोज सिंह के इशारा करने पर सृजन सिंह ने जान से मारने की नीयत से सामने से मेरे बेटे को कुचलने की कोशिश किया। जिससे मेरा बेटा और उसका मित्र गंभीर रूप से घायल हो गया है।

ममता तिवारी का आरोप है कि सृजन सिंह और आशुतोष तिवारी के बीच कुछ विवाद चल रहा है, जिससे मनोज सिंह को मेरे बेटे से रंजिश है और यह हत्या का प्रयास हुआ है।

वायरल हुआ घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज से स्क्रीन शॉट

बात जब जज कालोनी की निकली तो बात रसूख की तो ज़रूर होगी ही। मनोज सिंह एक रसूखदार परिवार से संबंधित नाम है इसमें किसी को कोई शक नही है। साथ ही मनोज सिंह का अपना खुद का भी रसूख है। मीडिया के कैमरे चाहे वह अखबार हो या फिर डिजिटल मीडिया पीड़ित के बयान हेतु दौड़ पड़े। अब बयान कहा कहा चला, कहा नही चला हमको इसकी जानकारी तो नही मिली, मगर सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज कुछ जगहों पर वायरल हो गई। कई कलमनवीसों के पास भी फुटेज है इसमें भी शक की गुंजाइश नही है। फुटेज को थोड़ा गौर से देखने पर एक अचंभित कर देने वाला सवाल सामने खड़ा मिलेगा।

बाए लाल घेरे में कार की चपेट में आये बाइक सवार और दाहिने लाल घेरे में पैदल राहगीर जो इस कार के चपेट में आया

मामला जानलेवा हमले का है अथवा सिंपल रोड एक्सीडेंट का मामला है यह तो पुलिस के जांच का विषय है। दोपहर 1 बजे के करीब एक्सीडेंट हुआ है। ममता रानी की माने तो बेटे को इलाज हेतु भर्ती करवा कर शाम 5 बजे तहरीत भेलुपुर थाने पर दिया मगर आधी रात तक उनको एफआईआर की कॉपी नही मिली, ये सम्भव मां लेते है, सर्वर कभी कभी परेशान करता है ये भी हो सकता है या फिर पुलिस तहरीर में लगे गंभीर आरोपो की पहले जांच करना चाहती होगी ये भी संभव है और कही से कोई गलत भी नही है। आरोप गंभीर है तो आरोप की जांच होनी चाहिए महज़ आरोप के आधार पर भी किसी के सम्मान पर आंच न आये।

मगर वायरल हुवे सीसीटीवी फुटेज में जो इस कथित एक्सीडेंट की जगह पर हालात-ए-हाजिरा है उसने कम से कम बड़ा सवाल महमुरगंज चौकी इंचार्ज हेतु तो खड़ा कर दिया है। एक्सीडेंट में दोनों बाइक सवार बुरी तरह जख्मी है इसमें शक नही है। मगर एक्सीडेंट के समय गौर से देखे की एक पैदल जा रहा राहगीर व्यक्ति भी इस कार से कुचल गया है। वह कहा है ? उसका क्या हाल है ? वह कौन था ? जब टक्कर इतनी जबरदस्त थी और कार की रफ्तार इतनी तेज थी तो फिर उस शख्स की हड्डी पसली शायद ही सलामत बची हो। वो कहा एडमिट है इसकी जानकारी कैसे मिलेगी। वीडियो देर रात वायरल हुआ है। एक्सीडेंट स्थल पर स्थानीय पुलिस महज़ चंद लम्हो में ही आ गई थी। दोनों घायल युवक को इलाज हेतु भेजने में उसने सहयोग भी किया। कार्य सराहनीय है। मगर ये तीसरा पैदल राहगीर कहा किस अस्पताल में है इसकी जानकारी समाचार लिखे जाने तक हासिल नही हुई है।

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