देर रात बैठी सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की स्पेशल बेंच, तीस्ता सीतलवाड को मंज़ूर हुई एक सप्ताह की अग्रिम ज़मानत, गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर लगी रोक
तारिक़ खान
डेस्क: आज शनिवार को देर रात बैठी सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील तीस्ता सीतलवाड़ को राहत देते हुए अंतरिम ज़मानत दे दी है। कोर्ट ने तीस्ता को एक सप्ताह की अंतरिम राहत देते हुवे गुजरात हाई कोर्ट के दिए आदेश पर भी स्टे लगा दिया है। तीस्ता शनिवार को गुजरात हाई कोर्ट में ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद तीस्ता उसी दिन सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
शनिवार रात 9:15 को तीन जजों की बेंच ने तीस्ता सीतलवाड़ मामले की सुनवाई की।सुनवाई के दौरान सोलिसिटर जनरल ने गुज़ारिश की थी कि कोर्ट आदेश पर स्टे लगाने की बजाय तीस्ता को सरेंडर के लिए थोड़ा अधिक वक्त दे सकती है। अदालत के आदेशो पर विस्तृत समाचार लिखे वाली वेब साईट लाइव लॉ के अनुसार शनिवार रात हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस बीआर गवई ने सवाल किया कि तीस्ता को अगर और आठ दिनों की ज़मानत मिल गई तो उससे क्या नुक़सान हो जाएगा?
स्टिस गवई ने कहा कि कोर्ट उन्हें अंतरिम ज़मानत दे रही है साथ ही हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा रही है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने तीस्ता की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दो जजों की बेंच के दोनों जज एकमत नहीं हो सके थे जिसके बाद ये मामला बड़ी बेंच को रेफर किया गया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाल बेंच ने की। बेंच में उनके अलावा जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता भी शामिल रहे।
शनिवार को ही गुजरात हाई कोर्ट ने शनिवार को तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें ‘तत्काल आत्मसमर्पण’ करने को कहा। इसी के बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया। तीस्ता सीतलवाड़ ने पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। तीस्ता सीतवाड़ को बीते साल जून में गुजरात पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। उन पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में निर्दोष लोगों’ को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप लगाया गया। सितंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।