ईदुल अमीन
डेस्क: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारियां चुनाव आयोग को देने के लिए डेडलाइन बढ़ाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। एसबीआई ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए ख़रीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए।
गहलोत ने लिखा, ‘आजकल बैंकों का सारा रिकॉर्ड कंप्यूटर में दर्ज होता है इसलिए इस रिकॉर्ड को निकालना मिनटों का काम है। इसके बावजूद समय मांगना दिखाता है कि एसबीआई चुनाव से पहले बीजेपी को एक्सपोज होने से बचाने का प्रयास कर रहा है।’ गहलोत बोले- मैं फिर कहूंगा कि इलेक्टोरल बॉन्ड भारत का सबसे बड़ा घोटाला है जिससे मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को एक कानूनी अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया।
बीते महीने सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय ज़रिया है। यह एक वचन पत्र की तरह है, जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से ख़रीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीक़े से दान कर सकता है।
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