‘युधिष्ठिर’ पहुँचे काशी, पीएम मोदी के जमकर गाये कसीदे

शबाब ख़ान
वाराणसी:
भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अबतक के सबसे सफल धारावाहिक ‘महाभारत’ में
युधिष्ठर की यादगार भुमिका निभाने वाले कलाकार गजेन्द्र चौहान बुधवार को
बनारस में थे। जहॉ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
वो
यहां चाईनीज सामानों के खिलाफ भारत माता मंदिर स्वदेशी जागरण मंच की ओर से
‘स्वदेशी संकल्प रथ यात्रा’ में शामिल हुए। यात्रा रवाना होने से पहले
गजेंद्र चौहान ने मंच से चीन और पाकिस्तान की तुलना महाभारत के शकुनि और
दुर्योधन से की। उन्होंने कहा कि इन्हें मारने के लिए धर्मराज को आगे आना
पड़ता है। हमारे धर्मराज दिल्ली के सिंहासन पर आसीन हो चुके हैं। पीएम
नरेंद्र मोदी ही आज के धर्मराज है, और चाईना-पाकिस्तान उनके सामने थरथर कॉप
रहे है, जल्दी ही पीएम इनका इलाज करेंगे।
उन्‍होंने
कहा कि पाकिस्तान और चीन का इलाज केंद्र की मोदी सरकार बेहतर ढंग से कर
रही है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोकने वाले चीनी सैनिकों के बाद भी
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चीन के बजाय पाकिस्तान ही केंद्र बिंदु रहता है
के सवाल पर कहा कि धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।
केंद्र
सरकार अंतराष्ट्रीय दौरों के माध्यम से चीन और पाकिस्तान पर दबाव बना रही
है। दूसरे देश भारत के साथ कई तरह से व्यापारिक संबंध स्थापित कर रहे हैं।
आने वाले दिनों में देश की स्थिति और बेहतर होगी।
एफटीटीआई
की नियुक्ति पर मचे बवाल पर कहा कि कुछ वामपंथी और कांग्रेस विचारधारा के
लोग थे। जो 413 से 44 पर आ गए उनको तकलीफ तो होगी ही। प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली की प्रशंसा के साथ ही सपा पर
निशाना साधते हुए कहा कि सपा की स्थिति भीख मांगने लायक नहीं है। दुख इस
बात का है कि राष्ट्रीयता की भावना जगानी पड़ रही है। राष्ट्रीयता का ऋण
आखिर कब हम उतारेंगे। कार्यक्रम
के विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी सिन्हा ने कहा कि इस देश में जब
तक जयचंद रूपी पार्टियां रहेंगी तब तक चीन और पाकिस्तान जैसे देश हमारे
ऊपर हावी रहेंगे। जिस
प्रकार अंग्रेज व्यापारी बनकर यहां आए और मालिक बन बैठे। उसी प्रकार चीन
अपने सामान बेचकर यहां से हजारों करोड़ों डालर इस देश से ले जा रहा है।
मूलकथा से हटकर बन रहे आजकल के धारावाहिक
गजेंद्र
चौहान ने कहा कि आजकल के धारावाहिक मूलकथा से हटकर बनते हैं। बुधवार को
भारत माता मंदिर स्थित स्वदेशी जागरण मंच के कार्यक्रम में बतौर मुख्य
अतिथि आए एफटीटीआई के चेयरमैन ने कहा कि पहले के कलाकार एक किरदार को एक
दिन में निभाते थे। अब एक
दिन में तीन से चार किरदार निभा रहे हैं। कभी वकील तो कभी डाक्टर तो कभी
विलेन बनना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाती है
जितनी पहले के रामायण और महाभारत को मिल चुकी है।

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