बनारस के व्यापारिक संगठन जीएसटी के विरुद्ध लामबंद, आज हुआ बनारस बंद

शबाब ख़ान
वाराणसी:
जीएसटी सिस्टम में मौजूद ख़ामियों और जटिलताओं के विरुद्ध वाराणसी के लगभग
सभी व्यापारिक संगठन लामबंद हो गये हैं, जिन्होनें आज 30 जून को वाराणसी
बंद का आह्वान किया है। देशभर
में गुड्स एंड सर्विस टैक्स पहली जुलाई से लागू होना है। उद्यमी व
व्यापारी जीएसटी में जटिलता व कमियों के विरोध में लामबंद हो गए हैं।
व्यापारिक संगठनों ने जीएसटी की खामिया दूर करने के लिए अपनी मागों के
समर्थन में 30 जून को बनारस बंद का एलान किया है। व्यापारियों ने बंदी को
सफल और उसे ऐतिहासिक बनाने के लिए जनसंपर्क तेज कर दिया है। जीएसटी के
विरोध में पर्चे बांटे जा रहे है। बैठकें कर रणनीति तय की जा रही है। बंदी
की पूर्व संध्या पर यानी गुरुवार की शाम मछोदरी पार्क से मोटरसाइकिल जुलूस
निकाला गया।
काशी व्यापार
प्रतिनिधिमंडल व अन्य व्यापारिक व औद्योगिक संगठनों की बुधवार को मारवाड़ी
युवक संघ में बैठक हुई। व्यापारियों ने कहा कि हम जीएसटी का स्वागत करते
हैं लेकिन उसकी खामियों का विरोध करते हैं। सरकार द्वारा एक जुलाई से इसे
जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। काशी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष
राकेश जैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर 30 को
बनारस बंद रहेगा। इसके लिए सभी व्यापारिक संगठनों का समर्थन है। कहा कि
जीएसटी में कुछ धाराएं ऐसी हैं जो व्यापारियों के हित में कतई नहीं हैं।
मामूली चूक में व्यापारियों के लिए सजा का प्रावधान उचित नहीं है। इसका
विरोध किया जाएगा। जब तक मांगें मान नहीं ली जाती तब तक विरोध जारी रहेगा।
इसमें कई जटिलताएं हैं। इससे इंस्पेक्टर राज को बल मिलेगा।
जीएसटी का सरलीकरण होना जरूरी:
केंद्र
सरकार की नई पहल सराहनीय है, जिसका हमसब तहेदिल से स्वागत करते हैं। हम
सरकार के साथ हर कदम पर सहयोग संग समन्वय व सामंजस्य को तैयार हैं किंतु
सरकार को भी हमारी पीड़ा समझनी होगी। दो टूक कहा कि यदि सरकार उद्योग व
उद्यमियों की हितैषी होने का दावा करती है तो उसे हर हाल में जीएसटी का
सरलीकरण करना ही होगा। पूर्वाचल में औद्योगिक क्रांति का स्वप्न देखने वाले
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन आरके चौधरी ने उद्यमी व
व्यापारियों की पीड़ा को बड़े ही तल्ख अंदाज में रखा। बोले, प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी देश के सर्वागीण विकास के साथ-साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक
विकास की किरण पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उद्यमी उनके हर फैसले का
स्वागत करते हैं किंतु एक सच यह भी है कि आज एमएसएमई सेक्टर जीएसटी से सबसे
ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। सिल्क ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष हर्षपाल कपूर ने कहा कि अब व्यापारियों को एकता का प्रदर्शन करना होगा।
व्यापारियों में भ्रम की स्थिति
व्यापारी
नेता मोहनलाल सरावगी ने कहा कि नई कर प्रणाली कानून में कई खामियां है।
इसे सरलीकृत किया जाना चाहिए। इसमें कई बातें स्पष्ट नहीं हैं जिससे
व्यापारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
सजा के प्रावधान से व्यापारियों में भय
जीएसटी
में सजा के प्रावधान से व्यापारी भयभीत हैं। जिन वस्तुओं पर अब तक टैक्स
नहीं लगता था, उसे कर के दायरे में ला दिया गया है। कपड़ा और साड़ी पर टैक्स
नहीं लगता था लेकिन जीएसटी के तहत इस पर पाच प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया
है। अधिवक्ता देवी प्रसाद ने कहा कि तकनीकी रूप से जीएसटी में कई
विसंगतियां है। ऐसे में व्यापारी कैसे कारोबार कर सकेगा। पूर्वाचल उद्योग
व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष अरुण केशरी ने कहा कि जीएसटी बिल ही
संविधान के अनुच्छेद 23 के तहत असंवैधानिक है। बैठक का संचालन मंडल के
महामंत्री राजकुमार शर्मा ने किया।
उद्यमी
राजेश भाटिया, घनश्याम जायसवाल, अशोक चौरसिया, विनय गुप्ता, रामेश्वर
प्रसाद रस्तोगी, श्रीप्रकाश पांडेय, अखिलेश सिंह, राजेश चंद्र यादव, राकेश
पांडेय, अनिल केशरी, लालबाबू जायसवाल, नंदलाल अरोड़ा आदि थे।

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