बहराइच नानपारा रोड “झिंगहा घाट पुल से पहला डेढ़ किलोमीटर सफर यानी “जान का खतरा
सुदेश कुमार
बहराइच. सड़क के किनारे पटरी की जगह खतरनाक गड्ढों ने सफर किया मुश्किल बहराइच शहर व जिले को बरास्ते नानपारा, नेपाल, कतर्नियाघाट, लखीमपुर, उत्तराखंड व दिल्ली से जोड़ने वाली सडक एन.एच.928 सी का निर्माण एन.एच.ए.आई. द्वारा पिलर संख्या 99 से रूपईडीहा तक हुआ है। लेकिन इस मार्ग को बहराइच शहर मुख्यालय से जोडने वाले झिंगहा घाट पुल से करीब डेढ़ किलोमीटर मार्ग बगैर निर्माण किए छोड़ दिया गया है।
बताते हैं कि आने वाले समय में यहाँ बाई पास बनेगा वो तो जब बनेगा तब बनेगा अभी तो यहाँ हालात बद से बदतर हैं बीते कुछ सालों में तो इस डेढ़ किलोमीटर मार्ग के किनारे की पटरी तक पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और अब यहाँ पटरी के स्थान पर बड़े बड़े खतरनाक गड्ढे हैं शहर से जुड़ी heavy traffic zone में शामिल यह सड़क है भी मात्र साढ़े तीन मीटर चौड़ी सिंगल लेन और वह भी टूटी फूटी व जर्जर झिंगहा घाट पुल के पास नानपारा बस स्टैंड का हाल्ट प्वाइंट बन जाने तथा पिलर संख्या 99 से रूपईडीहा व लखीमपुर तक टू लेन सडक बन जाने से इस मार्ग पर नेपाल, कतर्नियाघाट, लखीमपुर, उत्तराखंड व दिल्ली/एनसीआर जाने आने वाला ट्रैफिक कई गुना बढ गया है। इस ट्रैफिक के कारण झिंगहा घाट पुल से पिलर संख्या 99 के बीच के करीब डेढ़ किलोमीटर हिस्से में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है तथा मार्ग के किनारे खतरनाक गड्ढों के कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। अक्सर यहां गंभीर मरीजों को लाने ले जाने वाली एम्बुलेंस गाडियां फंसी दिखलाई पडती हैं।
इस मार्ग पर कोई बडी दुर्घटना न होने पाए इस हेतु अतिशीघ्र झिंगहा घाट पुल से नानपारा की ओर करीब डेढ कि.मी. सड़क के किनारे चौड़ी इन्टरलाकिंग पटरी बनवाए जाने की आवश्यकता है। इससे सर्वाधिक बहराइच शहर की जनता लाभान्वित होगी साथ ही पूरे जनपद व आस पास के तमाम जनपदों की जनता को भी लाभ होगा।
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पापा हैं तो होइए जायेगा..