कई विजिट के बाद भी हाईटेक नहीं हो रहे संसाधन

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद : शहर के हालात देखने से ऐसा नहीं लगता है कि नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के पूर्व में दौरों का कोई फायदा मिला हो। अफसरों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रत्येक विजिट में लाखों रुपये खर्च होते हैं। अब अफसरों का अमेरिका विजिट प्रस्तावित है। इसका भी कोई लाभ शहर को मिलेगा अथवा नहीं, इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने करीब तीन साल पहले इलाहाबाद, विशाखापत्तनम और सूरत शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी, उसके कुछ महीने बाद तत्कालीन नगर आयुक्त आरपी सिंह अमेरिका के दौरे पर गए थे। वह भी स्मार्ट सिटी के तहत आयोजित वर्कशाप में शामिल हुए थे। हालांकि, उनके दौरे का कोई लाभ शायद ही शहर को मिला हो। करीब ढाई साल पहले महापौर अभिलाषा गुप्ता, तत्कालीन नगर आयुक्त देवेंद्र कुमार पांडेय ने कई अधिकारियों और पार्षदों के साथ पुणे के पिंपरी चिचवाड़ नगर महापालिका का विजिट किया था। इस दौरे का मकसद भी वहां की नगर पालिका द्वारा अपनाए जाने वाले तमाम हाईटेक संसाधनों का क्रियान्वयन यहां करना था। वह भी संभव नहीं हो सका।

हालांकि, उस समय शहर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में नहीं आ सका था। अब अमेरिका के बोस्टन शहर में यूनाइटेड स्टेट ट्रेड डेवलपमेंट एजेंसी (यूएसटीडीए) की ओर से 19 से 23 मार्च तक आयोजित वर्कशाप में शामिल होने के लिए आठ अधिकारियों को नामित किया गया है। इसमें नगर आयुक्त हरिकेश चौरसिया और मुख्य अभियंता सतीश कुमार भी शामिल हैं। मुख्य अभियंता का कहना है कि अमेरिका के हाईटेक संसाधनों का अध्ययन कर उसे यहां लागू करना है।

इन्हें भी शामिल होना है वर्कशाप में
शहरी विकास विभाग के सचिव गौरी शंकर प्रियदर्शनी, शहरी विकास मंत्रालय स्मार्ट सिटी के असिस्टेंट डायरेक्टर अवनी गुप्ता, लखनऊ के कमिश्नर अनिल गर्ग, जलनिगम के चेयरमैन राजेश मित्तल, लखनऊ के नगर आयुक्त उदयराज सिंह, वाराणसी के नगर आयुक्त नितिन बंसल, आगरा के नगर आयुक्त अरुण प्रकाश।

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