आखिर जाने क्यों सीबीआई अंतरिम निदेशक की नियुक्ति पर चुनौती देने वाली याचिका से खुद को अलग किया सीजेआई

आदिल अहमद

नई दिल्ली: गैर सरकारी संगठन कामन काज द्वारा दाखिल याचिका जिसमे सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती दिया गया है की सुनवाई से देश के प्रधान न्यायधीश रंजन गंगोई ने खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने इसके लिए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए सलेक्शन कमेटी की बैठक में जाने का हवाला दिया है। बताते चले कि नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की 24 जनवरी को सुनवाई होगी। सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया है कि सीबीआई निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।

नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैर-सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज़’ ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति मनमानी और गैरकानूनी है। याचिका के अनुसार नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का सरकार का पिछले साल 23 अक्टूबर का आदेश शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था। लेकिन सरकार ने मनमाने, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से कदम उठाते हुए पुन: यह नियुक्ति कर दी।

याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून, 1946 की धारा 4ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच ब्यूरो का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। बताते चले कि सीबीआई की रार में कही न कही सीबीआई के ऊपर जनता का विश्वास कम होता गया है। इस विश्वास को जनता के बीच कैसे सीबीआई जीत पाती है यह देखने वाली बात होगी।

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