वाराणसी – खूब गरजा धनेसर तालाब के अतिक्रमण पर बुलडोज़र, अतिक्रमण के साथ ही टुटा पटिया व्यवसाई का घमंड

तारिक आज़मी

वाराणसी। जैतपुरा थाना अंतर्गत पीलीकोठी स्थित धनेसर तालाब पर पाटिया व्यवसाईयो के द्वारा किये गए अतिक्रमण पर आज जमकर जिला प्रशासन का बुलडोज़र गरजा। दशको से धनेसरा तालाब पर अवैध कब्ज़ा करके बैठे पाटिया व्यवसाइयो के द्वारा किये गए अतिक्रमण और बनी कई पक्की दुकानों पर आज प्रशासन ने अंतिम चेतावनी के बाद जमकर बुलडोज़र चलाये। इस दौरान कई पक्की इमारतों में तब्दील हो चुके अतिक्रमण ज़मिदोज़ हो गए।

बताते चले कि अतिप्राचीन धनेसरा तालाब पर पाटिया व्यवसाइयो के द्वारा जमकर अतिक्रमण किया गया था। अतिक्रमण के कारण धनेसरा तलब एक गड्ढे में तब्दील हो चूका था। पत्थर की पटियो के टुकडो और पूरी पटियो के सहारे तालाब को लगातार पाटा जा रहा था। स्थिति ऐसी हो चुकी थी कि अतिक्रमण पक्की इमारतों में तब्दील हो चुके थे। इस सम्बन्ध में कई बार क्षेत्रीय नागरिको ने और स्थानीय रामलीला कमेटी ने विरोध दर्ज करवाते हुवे शिकायती प्रार्थना पत्र दिये थे। मगर शायद पटिया व्यवसाई विशेष रूप से अतिक्रमण की शुरुआत करने वाले सज्जाद पटिया वाले की पहुच अधिक साबित होती रही और अतिक्रमण के खिलाफ पड़ने वाले प्रार्थना पत्र कही ठन्डे बस्ते में जाते रहे। हमारे द्वारा भी इस समबन्ध में कई समाचारों को संकलित कर प्रकाशित किया गया। मगर नतीजा जस का तस रहता था।

इस अतिक्रमण के विरोध में पिछली रामलीला के दौरान विरोध प्रदर्शन भी हुआ। रामलीला के किरदारों ने भी विरोध में हिस्सा लिया और मामला गंभीर होता देख प्रशासन ने जल्द ही तालाब को अतिक्रमण मुक्त करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद नगर निगम द्वारा अतिक्रमणकारियों को कई नोटिस दिया गया। अंतिम नोटिस के तौर पर चार दिन पहले भी मुनादी तक करवाया गया था और जगह को खाली करने का तीन दिन का समय दिया गया था। मगर कथित पॉवर के नशे में धुत बड़े अतिक्रमणकारी सज्जाद और अन्य के द्वारा कोई इसको तवज्जो नही दिया गया था। मगर इस बार तो प्रशासन ने इस अतिक्रमण को खाली करवाने का मन बना लिया गया था। इसी के तहत आज 5 थानों की फ़ोर्स, रिज़र्व फ़ोर्स, महिला पुलिस कर्मियों सहित दो क्षेत्राधिकारी मय एसडीएम और नगर आयुक्त सहित मौके पर पहुचे। कुछ मोहलत और मांग रहे अतिक्रमणकारियों की एक फिर न चली और जमकर बुलडोज़र गर्जना शुरू हो गए और सभी अतिक्रमण को ज़मिदोज़ कर दिया गया।

अतिक्रमण ही नही टुटा बल्कि सज्जाद का घमंड भी टुटा है

चर्चाओं को अगर आधार माने तो इस अतिक्रमण में सबसे बड़ा अतिक्रमणकारी सज्जाद पटिया वाला ही माना जाता था। अगर सूत्रों की माने तो यहाँ कई दशक पहले सबसे पहले इसी ने पटिया के कारोबार को शुरू करके धीरे धीरे अपने पैर फैलाने शुरू किये थे और जमकर तालाब को पाटा था। पूर्ववर्ती सरकार में इसकी पकड़ काफी ऊपर तक रहने के कारण इसके खिलाफ पड़ने वाली शिकायत कही दब जाती थी अथवा दबा दिया जाता था। इसकी देखी देखा कुछ और पटिया कारोबारियों ने इस इलाके पर अतिक्रमण कर अपना कारोबार शुरू कर दिया था। इसके कुछ हिस्सों पर प्राइवेट बस वालो ने भी अपना अड्डा बना रखा था। पेट्रोल पम्प से सटे सड़क के तरफ पूरा कटरा बनाया जा चूका था जिस्न्मे कई दुकाने निकाल कर उसको किराये पर भी चलाया जा रहा था।

आज अतिक्रमण में सिर्फ अतिक्रमण ही नही टुटा बल्कि कई गुरुर भी टूट गए है। प्रशासन की इस कार्यवाही से क्षेत्रीय जनता में एक ख़ुशी की लहर दिखाई दे रही थी। लोग भले आवाज़ से प्रशासनिक कार्यवाही की सामने प्रशंसा न कर रहे हो, मगर दबी ज़बान में काफी प्रशंसा हुई। सभी को एक बात की ख़ुशी मिलती दिखाई दे रही थी कि धनेसरा तालाब अपने पुराने शक्ल-ओ-सूरत में दिखाई देगा। इस ख़ुशी ज़ाहिर करने वालो में ऐसा नही कि सिर्फ एक धर्म के लोग रहे है। इस ख़ुशी में सभी धर्मो को मानने वाले लोग थे। क्षेत्रीय जनता के मन में अब आशा की किरण जागी है और उसको प्रतिक्षा है कि आखिर कब लाट भैरव मस्जिद के बगल में पटिया की दूकान के द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया जायेगा।

लाट कब्रिस्तान के बड़े हिस्से पर भी कर रखा है सज्जाद पटिया ने अतिक्रमण

पूर्व सरकार में जब कब्रिस्तानो की बाउंड्री हो रही थी तो इसी क्रम में लाट सरैया की मस्जिद मखदूम साहब के बगल की कब्रिस्तान पर भी चारदीवारी भी होनी थी। जब काम शुरू हुआ तो इसी सज्जाद के द्वारा काम कई बार रुकवाया गया और चारदीवारी न करने का दबाव बनाया गया। तत्कालीन थाना प्रभारी ने कई बार इस मामले में समझौते का प्रयास किया। अंततः चारदीवारी का काम तो पूरा हुआ मगर पूरी कब्रिस्तान पर इसकी पटिया की दूकान आज भी लगती है। इसकी हनक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रशासन इसकी दूकान को वहा से हटवा नही सका और जो दूकान इसकी सड़क पर थी अ वह उलटे कब्रिस्तान पर चली गई है और पूरी कब्रिस्तान ही इसके कब्जे में है। अब देखना होगा कि जैसे धनेसर पोखरे का अतिक्रमण टुटा है वैसे लाट की कब्रिस्तान पर इसके द्वारा किया गया अतिक्रमण कब हटाया जाएगा।

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