हरियाणा – शुरू हुई कुर्सी की जंग, क्या निर्दल को साथ लेकर भाजपा बना रही है सरकार ? जाने किसको कितनी मिली सीट

अब्दुल बासित मलक

नई दिल्ली: हरियाणा की सभी 90 सीटों के नजीते आ चुके हैं।  यहां 40 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है, वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं।  दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी ने 10, निर्दलीय 7, इंडियन नेशनल लोकदल 1, और हरियाणा लोकहित पार्टी को 1 सीट मिली है।  बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सरकार बनाने का संकेत दे चुके हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल से मिलने का समय भी मांग लिया है।  भाजपा को सरकार बनाने के लिए 6 और सीटों की जरूरत होगी।

हरियाणा के मतदाताओं ने बीजेपी को सबसे बड़ा दल बनाने के बावजूद त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश दिया।  चुनावी नतीजों के साथ इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि अब दुष्यंत चौटाल तय करेंगे कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी।  लेकिन शाम होते होते सारे सियासी समीकरण नया रुख लेते हुए नजर आ रहे हैं।

वैसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के सभी जीते हुए प्रत्याशियों से अपील की है कि राज्य में गैर बीजेपी सरकार बनाने के लिए एक साथ आएं।  आपको बता दें कि चौटाला खानदान में आपसी कलह के बाद इनेलो में दो फाड़ होने के चलते दुष्यंत ने JJP का गठन किया था।  राज्य विधानसभा चुनाव में जेजेपी की झोली में 10 सीटें आई हैं जबकि सात पर निर्दलीयों की किस्मत खुली है।  कुशल राजनीतिज्ञ की तरह दुष्यंत ने अभी इस बात को लेकर अपने पत्ते नहीं खोलें हैं कि वह राज्य सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देंगे या कांग्रेस को।

वही दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो अब जेजेपी के समर्थन के बैगर ही भाजपा सरकार बना लेगी।  6 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का मन बना लिया है।  इनमें सिरसा से गोपाल कांडा, रानिया विधानसभा सीट से रणजीत चौटाला, बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद, पृथला विधानसभा सीट से नयनपाल रावत, दादरी से सोपबीर सांगवान और महम से बलराज कुंडू का नाम शामिल है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार दो विधायकों को भाजपा की एक सांसद गुरुवार को दिल्ली ले आईं।  निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा और रणजीत सिंह को सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली ले आईं।  बताते चले कि इन 6 में से तीन विधायक बलराज कुंडू, नयनपाल रावत, सोमबीर सांगवान पूर्व में बीजेपी के ही सदस्य थे।  लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले टिकट न मिलने पर बीजेपी छोड़ दी थी।

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