बादल भरा आसमान को देख किसानों की उड़ी नींद

बापू नंदन मिश्र

रतनपुरा (मऊ) प्रकृति की टेढ़ी भृकुटी जैसे सीधी होने का नाम ही नहीं ले रही है।लगातार मौसम की मार से परेशान किसानों का ऐसा ही कहना है। विगत काफी दिनों से मौसम की बेरुखी का दंश झेल रहे किसानों की हालत खराब है।और मौसम है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज सुबह आसमान में बादलों की धमक व बूँदाबाँदी तथा हवाओं ने किसानों की आशाओं को एक बार फिर झकझोर दिया।फसलों की दशा और मौसम का रुख देख किसानों का कलेजा मुँह को आ जा रहा है।चना और मटर तो लगभग बरबाद हो चुके हैं रही सही कसर गेंहूँ की हैऔर यदि बरसात हो गई तो उसका भी बचना मुश्किल है।किसानों का कहना है कि इस तरह का अनिश्चित मौसम विगत कई बर्षों में सामान्यतया नहीं हुआ है खासकर इस समय जबकि चैत्र मास चल रहा है। मौसम की अनिश्चितता से किसान पूरी तरह सहमें हुए हैं उन्हें कोई उपाय नहीं सूझ रहा है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *