एक ओर 8 निलंबित सांसद धरने पर, दूसरी ओर उपसभापति उपवास पर,विपक्ष का तीन मांगो को लेकर राज्यसभा से अनिश्चित कालीन बहिष्कार, जाने क्या है स्थिति  

आफताब फारुकी

नई दिल्ली: एक तरफ कृषि विधेयक पर विरोध के दौरान निलंबित सांसद संसद में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इस पूरे प्रकरण को देखते हुए 24 घंटे उपवास पर रहने का फैसला किया है। उन्होंने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू को पत्र लिख पूरे मामले पर अपनी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह अगले 24 घंटे उपवास पर रहेंगे। उपवास आज सुबह से शुरू होकर कल सुबह तक जारी रहेगा। इस दौरान वह संसद का कामकाज जारी रखेंगे।

वहीं इससे पहले आज सुबह राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश प्रदर्शन कर रहे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे थे लेकिन निलंबित सांसदों ने उप-सभापति की चाय पीने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम यहां किसानों के लिए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर किसान विरोधी बिल पास कराया गया जबकि बीजेपी के पास बहुमत नहीं था। आपने कोशिश नहीं की। हम संसद परिसर में बैठे हैं क्योंकि किसानों के साथ धोखा हुआ है।

बताते चलें कि निलंबन के विरोध में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव और सीपीएम के के।के। रगेश समेत निलंबित सांसद राज्यसभा से निकलने के बाद संसद के लॉन में प्रदर्शन पर बैठ गए। सोमवार को शुरू हुआ प्रदर्शन अभी तक जारी है, कुछ सांसदों तकिये और चादर साथ लेकर आए थे तो कुछ लोगों ने इन्हें घर से मंगा लिया।

वही राज्यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए आठ सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुज़ारिश के साथ विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा का बहिष्कार करने को लेकर ऐलान कर दिया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जब तक इन सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता है, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा।

नेता प्रतिपक्ष आजाद ने मंगलवार को इन निलंबित सांसदों से मुलाकात की और इसके बाद अपनी मांगें सामने रखीं। उन्होंने कहा कि ‘हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं:  पहली मांग है कि सरकार एक नया बिल लाए जिसमें यह बात सुनिश्चित की जाए कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीद सकती हैं।  हमारी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन फार्मूला के तहत MSP देश में तय हो। हमारी तीसरी मांग है कि भारत सरकार राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करें कि किसानों से निर्धारित MSP की रेट पर ही है उनकी उपज खरीदी जाए। जब तक यह तीनों मांगें नहीं मानी जातीं हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।’

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